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इमेज कैप्शन, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन….में
शुक्रवार को अमेरिका के ओवल ऑफ़िस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के बीच जो तीखी बहस हुई, उस पर दुनिया के कई नेताओं ने टिप्पणी की.
लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उनकी तरफ से इस मामले में अब तक कोई बयान नहीं आया है.
लेकिन फिर, उन्हें वाकई में कुछ कहने की ज़रूरत ही कहां है. राष्ट्रपति पुतिन अब आराम से बैठकर इंतज़ार करने का जोखिम ले सकते हैं कि घटनाएं किस दिशा में जा रही हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने ये भविष्यवाणी कर दी थी कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ सार्वजनिक तौर पर बहस “सुर्ख़ियों में छाया रहने वाला मुद्दा बनने जा रहा है.”
इसमें कोई संदेह नहीं कि व्लादिमीर पुतिन ने इस “शो” का आनंद लिया होगा, जिसमें वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के साथ एक नाटकीय तमाशा देखा गया. उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति ने पूरी दुनिया की मीडिया के सामने अपमानित किया.
ज़ेलेंस्की उसी देश के राष्ट्रपति हैं, जिस पर पुतिन ने तीन साल पहले हमला किया था. ये जंग अब भी जारी है.
पुतिन ने वॉशिंगटन में हुई इस बैठक और इस दौरान हुई तीखी बहस पर अब तक प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन कुछ रूसी अधिकारियों ने इसके बारे में टिप्पणी की है.
दिमित्री मेद्वदेव रूस के पूर्व राष्ट्रपति हैं और अब रूस सुरक्षा काउंसिल के डिप्टी प्रमुख हैं.
उन्होंने सोशल मीडिया पर किए एक पोस्ट में लिखा कि राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को “ओवल ऑफ़िस में तमाचा मिला.”
उन्होंने कहा कि अमेरिका को यूक्रेन को सैन्य सहायता देना बंद करना चाहिए.
तो रूस इसका स्वागत किस तरह से करेगा?
टेलीग्राम पर एक पोस्ट में रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने ट्रंप और जेडी वेंस के “संयम” की तारीफ की.
उन्होंने लिखा कि उन्होंने “चमत्कारिक रूप से संयम” दिखाते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति पर हमला नहीं किया.
यह उस नई दुनिया का संकेत है जिसमें हम रह रहे हैं, जहां एक तरफ अमेरिका और यूक्रेन संबंधों के बिगड़ने का ख़तरा है, तो वहीं दूसरी तरफ़ अमेरिका और रूस संबंधों के मामले में स्थिति एकदम विपरीत है.
वीडियो कैप्शन, डोनाल्ड ट्रंप और वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की में हुई बहस- वीडियो
हाल के हफ्तों में ट्रंप और पुतिन ने फ़ोन पर बात की है और साथ मिलकर काम करने की मंशा जताई है.
निकट भविष्य में दोनों की संभावित मुलाक़ात की भी ज़ोर-शोर से चर्चा है.
वहीं संबंधों की बहाली के लिए और संभावित आर्थिक सहयोग पर चर्चा करने के लिए दोनों पक्ष से निचले स्तर के अधिकारियों की बातचीत शुरू हो गई है.
राष्ट्रपति पुतिन ने दुर्लभ मिनरल्स और एल्युमीनियम उत्पादन से जुड़े आकर्षक जॉइंट प्रोजेक्ट्स का लालच अमेरिका के सामने रख दिया है.
जहां यूक्रेन के साथ अमेरिका के रिश्तों में दरार के मायने यूक्रेन के लिए गंभीर होंगे, वहीं रूस के लिए ये सकारात्मक साबित होगा.
अगर अमेरिका ने यूक्रेन को अपने हथियार देने बंद कर दिए तो, तो रूस की सेना के हमले से खुद को बचाना यूक्रेन के लिए मुश्किल हो जाएगा.
यूक्रेन को यूरोपीय नेताओं की तरफ़ से मज़बूत समर्थन हासिल है, ये नेता उसके साथ एकजुटता दिखाने का वादा भी करते हैं, लेकिन इसके बावजूद रूसी सेना ने यूक्रेन के कई हिस्सों पर कब्ज़ा कर लिया है.
बीते कुछ वक्त से रूस ये मान रहा था कि यूक्रेन के साथ जारी उसकी जंग में अब उसका पलड़ा भारी है. ओवल ऑफ़िस में ट्रंप और ज़ेलेंस्की की तीखी बहस ने उसकी इस सोच को और मज़बूत किया होगा.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.