अमर उजाला की ओर से आयोजित कार्यक्रम शक्ति की समृद्धि में पहुंची केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि महिला के सशक्तिकरण का प्रभाव पूरे देश की प्रगति पर पड़ता है। वह सिर्फ उसका निजी विकास नहीं होता। इस कार्यक्रम में अलग-अलग सेक्टर में काम करने वाली महिलाएं यहां आईं। उनके अंदर उद्यमशीलता विकसित करने में मदद की गई।
उन्होंने कहा कि देश में आधी संख्या में महिलाएं हैं। सरकार आधी आबादी को एसेट मानती है। महिलाएं देश के विकास का आधार बनेंगी। महिलाएं आगे बढ़कर देश का नेतृत्व कर सकती हैं। महिलाओं के अंदर जितनी क्षमता है हम उसका पूर्ण रूप से दोहन नहीं कर पाए हैं।
केंद्र की मोदी सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 55 प्रतिशत जनधन खाते महिलाओं के नाम खोले। 84 प्रतिशत लोन महिलाओं के नाम दिया गया। मुद्रा योजना में 69 प्रतिशत लोन महिलाओं के नाम हुए। आज देश में बड़ी संख्या में महिलाएं स्टार्टअप शुरू कर रही हैं। प्रधानमंत्री स्वधन योजना में पचास फीसदी महिलाएं हैं।
ड्रोन दीदी योजना से ग्रामीण महिलाओं का विकास हो रहा है। वर्किंग वूमने हॉस्टल के तहत कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित हॉस्टल इस सरकार ने मुहैया कराया है। जब महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती हैं तो उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। उनको लगता है कि वो अपना ख्याल रख सकती हैं। जब उनके खुद के हाथ में आर्थिक ताकत होती है तो वह बेहतर स्वास्थ्य सेवा ले सकती हैं।
स्त्री के हाथ में जब पैसा आता है तो उसको प्रबंधन करने की क्षमता भी आनी चाहिए। हेल्थ इंश्योरेंस भी महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा कवर करते हैं। ऐसा ही अन्य बीमा के साथ भी होता है। हमारी सरकार में कई ऐसी योजनाएं हैं जो महिलाओं को बीमा के दायरे में लाती हैं। उन्होंने कार्यक्रम में ‘द बोनस’ नारी आर्थिक सुरक्षा अभियान (नासा) का शुभारंभ भी किया।