केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर जातिगत भेदभाव को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मैं जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करता हूं। चाहे मुझे फिर वोट मिले या न मिले। उन्होंने कहा कि लोग जाति के आधार पर मुझसे मिलने आते हैं। मैंने उन सबसे 50,000 लोगों में कह दिया कि जो करेगा जाति की बात, उसके कस के मारूंगा लात। उन्होंने कहा, मैं धर्म और जाति की बातें सार्वजनिक रूप से नहीं करता। चाहे चुनाव हार जाऊं या मंत्री पद चला जाए, मैं अपने इस सिद्धांत पर अटल रहूंगा।
केंद्रीय मंत्री शनिवार को नागपुर में सेंट्रल इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा, किसी व्यक्ति का मूल्य जाति, धर्म, भाषा या लिंग के बजाय उसके गुणों से निर्धारित होना चाहिए। किसी व्यक्ति को उसकी जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा या लिंग से नहीं, बल्कि उसके गुणों से जाना जाता है। इसलिए हम जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करेंगे। गडकरी ने याद किया कि कैसे कई लोग अपनी जातिगत पहचान के आधार पर उनसे संपर्क करते थे, लेकिन वह अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे। उन्होंने कहा मैं राजनीति में हूं और यहां यह सब चलता रहता है, लेकिन मैं इससे इनकार करता हूं भले ही इससे मुझे वोट मिले या न मिले। मैं अपने हिसाब से चलता हूं।
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उन्होंने कहा कि बहुत से लोग जाति के आधार पर मुझसे मिलने आते हैं। मैंने उन सबसे 50,000 लोगों में कह दिया कि जो करेगा जाति की बात, उसके कस के मारूंगा लात। मेरे दोस्तों ने मुझे बताया कि मैंने ऐसा कहकर खुद को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन मुझे इसकी चिंता नहीं है। चुनाव हारने से कोई अपनी जान नहीं खोता। मैं अपने सिद्धांतों पर अडिग रहूंगा।
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