योगी सरकार की कैबिनेट ने यूपी नगर निगम (पार्किंग स्थान का सन्निर्माण, अनुरक्षण और प्रचालन) नियमावली-2025′ को मंजूरी दे दी है। नगर विकास विभाग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। अब यूपी के 17 जिलों में लोगों को अपने घर के बाहर गाड़ी पार्क करने के लिए पैसे देने होंगे। सरकार ने पार्किंग की दरें भी तय कर दी हैं। हालांकि, हरियाली वाली जगहों पर पार्किंग के लिए ठेका नहीं दिया जाएगा।
10 लाख की कम आबादी वाले शहरों की पार्किंग की कीमत | ||
समय अवधि | दो पहिया | चार पहिया |
1 घंटा | 5 रुपये | 10 रुपये |
2 घंटा | 10 रुपये | 20 रुपये |
24 घंटा | 40 रुपये | 80 रुपये |
मासिक पास | 600 रुपये | 1200 रुपये |
यह सुविधा सबसे पहले लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, अलीगढ़, आगरा, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, प्रयागराज, फिरोजाबाद, बरेली, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, शाहजहांपुर और सहारनपुर में शुरू होगी। हर नगर निगम में एक 12 सदस्यों की समिति बनाई जाएगी। इस समिति के अध्यक्ष नगर आयुक्त होंगे। सहायक अभियंता को सदस्य सचिव बनाया जाएगा। यह समिति 90 दिनों के अंदर पार्किंग के लिए संभावित जगहों की लिस्ट बनाएगी। साथ ही PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत पार्किंग की सुविधाएं विकसित करने के लिए लाइसेंस भी जारी किए जाएंगे। पीपीपी मॉडल का मतलब है कि सरकार और प्राइवेट कंपनियां मिलकर पार्किंग बनाएंगी।
सरकार का कहना है कि इस नियम से शहरों में जाम की समस्या कम होगी। लोगों को अपनी गाड़ी पार्क करने के लिए सुरक्षित जगह मिलेगी। नगर निगम को पार्किंग शुल्क से कमाई भी होगी। इस कमाई का इस्तेमाल शहरों को बेहतर बनाने में किया जाएगा।
10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की पार्किंग की कीमत | ||
समय अवधि | दो पहिया | चार पहिया |
1 घंटा | 7 रुपये | 15 रुपये |
2 घंटा | 15 रुपये | 30 रुपये |
24 घंटा | 57 रुपये | 120 रुपये |
मासिक पास | 855 रुपये | 1800 रुपये |