अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की मेजबानी में अगले साल होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में कजाखस्तान और उज्बेकिस्तान को आमंत्रित किया जाएगा। ट्रंप प्रशासन मध्य एशियाई देशों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करना चाहता है। ट्रंप ने मंगलवार को यह घोषणा कजाखस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायेव और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव से फोन पर अलग-अलग बातचीत के बाद की।
कजाखस्तान और उज्बेकिस्तान जी20 के सदस्य नहीं हैं। लेकिन हर साल होने वाले इस शिखर सम्मेलन का मेजबान देश अक्सर गैर-सदस्य देशों को भी आमंत्रित करता है। वर्ष 2026 का जी20 सम्मेलन फ्लोरिडा के मियामी के पास स्थित ट्रंप के गोल्फ क्लब में प्रस्तावित है। इन बातचीत के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘दोनों देशों के साथ हमारे संबंध शानदार हैं।’ ट्रंप इस समय फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो रिसॉर्ट में छुट्टियां मना रहे हैं। पिछले महीने कजाखस्तान और उज्बेकिस्तान के नेताओं ने किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के नेताओं के साथ वॉशिंगटन का दौरा किया था और ट्रंप से बातचीत की थी।
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अमेरिकी प्रशासन अब मध्य एशिया पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। इस क्षेत्र में खनिजों का बड़ा भंडार है और यह दुनिया के लगभग आधे यूरेनियम का उत्पादन करता है। ये संसाधन स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहनों और लड़ाकू विमानों जैसे हाई-टेक उपकरणों के लिए जरूरी दुर्लभ धातुओं की बढ़ती जरूरत के लिहाज से अहम हैं।
मध्य एशिया से होने वाले महत्वपूर्ण खनिजों का निर्यात लंबे समय से चीन और रूस की ओर झुका हुआ रहा है। पिछले महीने की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति टोकायेव ने घोषणा की थी कि उनका मुस्लिम बहुल देश अब्राहम समझौते में शामिल होगा। यह ट्रंप प्रशासन की पहल है, जिसका उद्देश्य इस्राइल और अरब व मुस्लिम बहुल देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना है।
यह कदम काफी हद तक प्रतीकात्मक माना जा रहा है। यह ऐसे समय में उठाया गया है, जब प्रशासन ट्रंप के पहले कार्यकाल की उस प्रमुख विदेश नीति पहल को फिर से आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जिसके तहत इस्राइल के संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मोरक्को के साथ कूटनीतिक और व्यापारिक संबंध स्थापित हुए थे।
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ट्रंप ने पिछले महीने यह भी घोषणा की थी कि वह दक्षिण अफ्रीका को अगले साल मियामी में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने से रोकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने इस साल की बैठक में अमेरिकी सरकारी प्रतिनिधि के साथ किए गए व्यवहार को लेकर दक्षिण अफ्रीका को दी जाने वाले सभी भुगतान और सब्सिडी रोकने का फैसला किया था।
ट्रंप ने यह भी तय किया कि इस साल दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका का कोई सरकारी प्रतिनिधिमंडल हिस्सा नहीं लेगा। उन्होंने कहा था कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वहां श्वेत अफ्रीकियों के साथ हिंसक उत्पीड़न हो रहा है। दक्षिण अफ्रीका ने इस दावे को बेबुनियाद बताते हुए खारिज किया है और कहा है कि देश दशकों तक नस्लीय रंगभेद की पीड़ा झेल चुका है।