पिछले दिनों bal.com की ओर से प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी प्रोग्राम के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से कई नियम जारी किए थे, जो ट्रंप के अप्रैल 2017 के ‘बाय अमेरिकी एंड हायर अमेरिकन’ कार्यकारी आदेश के कार्यान्वयन का एक हिस्सा था। इस आदेश ने रोजगार-आधारित आव्रजन कार्यक्रमों को प्रतिबंधित करने के लिए ट्रंप प्रशासन की ओर से अपनाई गई कई नीतियों की नींव रखी। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भी हम ऐसी ही नीतिगत प्राथमिकताओं की उम्मीद कर सकते है।
ट्रंप के पहले कार्यकाल में कैसी थी एच-1बी वीजा के लिए नीति?
ट्रंप प्रशासन ने अक्टूबर 2020 में एच-1बी और इसी तरह के वीजा के लिए आवश्यक वेतन में काफी बढ़ोतरी की थी, जिससे नियोक्ता तैयार नहीं थे। इस नियम को बाद में अदालत में रोक दिया गया था, लेकिन 2021 की शुरुआत में नया नियम आया। बाइडेन प्रशासन ने इसे रोक दिया, फिर अदालतों ने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया।
उन्होंने एच-1बी के लिए विशेष व्यवसाय में भी बदलाव करने की कोशिश की, जिससे वीजा पात्रता सीमित हो जाती और कठोर आवश्यकताएं जुड़ जातीं। इसे भी कोर्ट ने रोक दिया।
एक अन्य नियम में एच-1बी लॉटरी में उच्च वेतन वाले आवेदकों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई, जिसका असर हाल ही में ग्रेजुएट्स पर पड़ा। बाइडेन सरकार ने पहले इसमें देरी की, फिर इसे रद्द कर दिया।
अंत में ट्रंप ने वीजा रीन्यूअल के लिए डेफेरेंस पॉलिसी को हटा दिया, जिससे असंगत समीक्षाएं उत्पन्न हुईं। बाइडेन ने इसे फिर से लागू कर दिया, लेकिन ट्रंप इसे फिर से उलट सकते हैं।
नियोक्ता H-1B कार्यक्रम के भविष्य के लिए कैसे तैयारी कर सकते हैं?
बीएएल की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप दूसरे कार्यकाल में इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है कि प्रशासन इसी तरह की नीतियों को अपनाएगा। यहां तीन तरीके दिए गए हैं जिनसे आप उस संभावित सिनेरियो के लिए तैयार हो सकते हैं-
इन मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन के पहले कार्यकाल की सोच और कार्यों पर नजर रखें, भले ही अभियान के बारे में टिप्पणियां राष्ट्रपति के रूप में पिछले कार्यों और मौजूदा कैंपेन प्लेटफॉर्म के मेल न खाती हों।
जहां तक संभव हो, वर्तमान नीतियों के अंतर्गत याचिकाएं और विस्तार दायर करने के लिए अपने आव्रजन वकील के साथ मिलकर काम करें।
इन-फ्लाइट पॉलिसी के स्टेटस और नए प्रशासन के एजेंडे के बारे में जानकारी रखें। ‘क्या होगा अगर’ सिनेरियो के प्रति सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने से कार्य की निरंतरता की रक्षा करने में काफी मदद मिल सकती है।