किन अवैध इमिग्रेंट को पहले हिरासत में लिया जाता है?
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, उन लोगों को पहले हिरासत में लिया जाता है और हिरासत केंद्र में ले जाया जाता है जो अवैध रूप से सीमा पार करते हैं या वैध दस्तावेजों के बिना तस्करों की मदद से अमेरिका में प्रवेश कर जाते हैं। वे तब तक वहां रहते हैं जब तक उन्हें आव्रजन न्यायालय के समक्ष पेश नहीं किया जाता, जो न्याय विभाग के अधीन है। इसके बाद न्यायालय यह समीक्षा करता है कि क्या आप्रवासी शरण चाहता है और परिस्थितियों के आधार पर निष्कासन का आदेश देता है।
जिन लोगों के निर्वासन का आदेश दिया जाता है, वे चाहें तो निर्वासन से पहले अपने खर्च पर स्वेच्छा से जाने का विकल्प चुन सकते हैं। कुछ मामलों में कुछ गैर-नागरिकों को बिना किसी ट्रायल के शीघ्र निष्कासन का भी सामना करना पड़ता है।
निष्कासन आदेश के बाद, अमेरिकी सरकार अधिकांश मामलों में प्रवासियों को हवाई मार्ग से वापस भेजती है। पहले के मामलों में अमेरिका ने प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए चार्टर्ड विमानों का इस्तेमाल किया था, जबकि ताजा मामलों में सैन्य परिवहन विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अमेरिका में किन अवैध आप्रवासियों को मिलती है शरण?
रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ आप्रवासी शरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। अगर वे जज को यह विश्वास दिलाने में सफल हो जाते हैं कि उनके घर लौटने पर उनकी जान को खतरा है तो उन्हें अमेरिका में रहने की अनुमति मिल सकती है। हालांकि, बहुत कम शरण संबंधी मामलों पर विचार किया जाता है।
जब लौटना असुरक्षित हो तो कुछ लोग टेंपरेरी प्रोटेक्टेड स्टेटस (TPS) प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, केवल कुछ ही देशों को टीपीएस के लिए नामित किया गया है। अमेरिकन इमिग्रेशन काउंसिल के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक 863,880 लोग अमेरिका में टीपीएस के साथ रह रहे थे।
डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स (DACA) उन कुछ आप्रवासियों के निर्वासन में देरी का कारण बनता है जो बच्चों के साथ अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कर गए थे। जो आप्रवासी अनिवार्य हिरासत में नहीं है और आईसीई को लगता है कि वे सार्वजनिक रूप से खतरा पैदा करने वाले नहीं हैं तो ऐसे कुछ लोगों को आईसीई रिहा भी कर सकता है।
अमेरिका में कितने आप्रवासियों को निष्कासन का आदेश
रिपोर्ट में फॉक्स न्यूज के हवाले से बताया गया है कि कम से कम 1.44 मिलियन (14 लाख 40 हजार) आप्रवासियों को आईसीई की गैर-हिरासत सूची में रखा गया है, जिनके निष्कासन के अंतिम आदेश दिए गए हैं। इनमें से लगभग 18,000 भारतीय हैं और 38,000 चीन से हैं। इनमें से एक बड़ा हिस्सा मध्य और लैटिन अमेरिकी देशों जैसे होंडुरास, ग्वाटेमाला, अल साल्वाडोर और मैक्सिको से है, जिनमें प्रत्येक से 200,000 से ज्यादा लोग हैं।