अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आने वाले सामान पर 25% अतिरिक्त टैरिफ (कर) लगाने के फैसले ने देश में सियासी हलचल तेज कर दी है। यह टैक्स भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के चलते लगाया गया है। अब भारत से अमेरिकी बाजार में जाने वाले सामान पर कुल 50% टैक्स लगने लगेगा। ऐसे में इस मामले में कांग्रेस, जेएमएम और वाम दलों के सांसदों ने सरकार की विदेश नीति और प्रधानमंत्री की रणनीति पर सवाल उठाए हैं। आइए जानते है कि किसने क्या कहा?
पवन खेड़ा बोले- अमेरिका कर रहा है ब्लैकमेल
अमेरिका के टैरिफ नीति पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इसे ब्लैकमेल करार दिया। उन्होंने कहा कि ये सीधा ब्लैकमेल है। आज हम इस हालत में हैं कि एक महाशक्ति हमें धमका सकती है, ये शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों से हमारी विदेश नीति, प्रधानमंत्री के विदेश दौरों, प्रवासी कार्यक्रमों का मकसद सिर्फ मोदी जी की छवि बनाना रहा, देश के हितों की बजाय। अब उसकी कीमत देश चुका रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि कोई ऐसा समझौता न हो जो भारत के हितों के खिलाफ जाए।
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महुआ माजी बोलीं- असर अमेरिका पर ज्यादा होगा
वहीं अमेरिका के इस फैसले पर जेएमएम सांसद महुआ माजी ने कहा कि इस फैसले का असर भारत से ज्यादा अमेरिका पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत की जनता तो कम में भी जीना जानती है। यहां गरीबी है, लोग अभाव में रहना जानते हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई अमेरिका में बढ़ेगी, क्योंकि उन्हें भारतीय सामान महंगा मिलेगा। माजी ने कहा कि प्रधानमंत्री को ‘मन की बात’ में इस पर बोलना चाहिए कि ट्रंप से उनके इतने अच्छे रिश्ते थे। साथ ही अब हमें वैकल्पिक व्यापार साझेदारों की तलाश करनी चाहिए, क्योंकि दुनिया सिर्फ अमेरिका नहीं है।
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सीपीआई सांसद पी संतोश जवाबी कार्रवाई करने की बात कही
इसके साथ ही वामपंथी पार्टी सीपीआई के सांसद पी संतोश कुमार ने अमेरिका के टैरिफ को लेकर प्रधानमंत्री पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ट्रंप का दूसरा कार्यकाल भारत को नीचा दिखाने वाला है। हमें जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सोशल मीडिया पर चौथे नंबर पर हैं, लेकिन जब कुछ गंभीर होता है, जैसे पहलगाम की घटना के बाद भारत-पाक तनाव, तब वो कुछ नहीं बोलते। पूरी दुनिया को लग रहा है कि भारत का नेतृत्व कमजोर है। अब देशहित सबसे ऊपर है, इसलिए जवाब देना जरूरी है।