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Uttarakhand Weather Today,उत्तराखंड का मौसम 25 मार्च 2025: तपने लगे हैं मैदान से लेकर पहाड़ तक,केदारपुरी में हिमखंडों को काटकर बन रहा रास्ता – uttarakhand weather today forecast 25 march 2025 tuesday uttarakhand mein aaj ka mausam kaisa rahega imd rain temperature news in hindi

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Mar 25, 2025


रश्मि खत्री, देहरादून: उत्तराखंड का मौसम 25 मार्च 2025: उत्तराखंड में शुष्क मौसम होने के चलते तापमान में तीन से चार डिग्री तक का इजाफा हुआ है। मैदान से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों तक तपिश बढ़ने लगी है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में और बढ़ोतरी होगी। 27 और 28 मार्च को उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार आने वाले दिनों में प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा। चटक धूप खिलने से मार्च के आखिरी दिनों में मैदान से लेकर पहाड़ो तक तापमान में बढ़ोतरी होगी, जिससे गर्मी बढ़ने के आसार हैं। खासकर दिन के समय गर्मी खासा परेशान करने वाली है।

इन दिनों बढ़ती गर्मी ने लोगों को बहाल कर दिया है। खासकर दिन के समय लोग बाहर निकलने में कतरा रहे हैं। जरूरी कामों से जाने वाले लोग ही बाहर नजर आ रहे हैं। वही मैदानी क्षेत्र से लेकर पर्वतीय क्षेत्र तक बढ़ रही गर्मी ने लोगों को बेहाल किया हुआ है।

सोमवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 30.3 और न्यूनतम तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस रहा। पंतनगर का अधिकतम तापमान 30.0 और न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस रहा। मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान 20.2 और न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री सेल्सियस रहा। नई टिहरी का अधिकतम तापमान 20.1 और न्यूनतम तापमान 9.3 डिग्री सेल्सियस रहा।

उधर गौरीकुंड केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से लिनचोली तक बड़े हिमखंडों को काटकर रास्ता बनाया जा रहा है। यहां हिमखंड मजदूरों के लिए भी चुनौती बने हुए हैं। 2 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए इस बार बाबा के भक्त बर्फ की संकरी घाटी से होकर धाम तक जाएंगे।

मैदानी क्षेत्र जहां सूर्य सूरज की तपिश से तपने लगे हैं, वहीं गौरीकुंड केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामवाड़ा से लिनचोली तक पसरे विशालकाय हिमखंडों को काटकर रास्ता बनाना पड़ रहा है। केदारनाथ पुरी में मौसम साफ होने के बाद 14 मार्च से लोक निर्माण विभाग के मजदूर पर काटकर रास्ता बनाने में जुटे हुए हैं।

यहां पर 20 फीट ऊंचे हिमखंड को काटकर ढाई फीट चौड़ा रास्ता बनाया जा रहा है। केदारनाथ धाम जाने के लिए इस बार बाबा के भक्तों को 54 मीटर लंबी पैदल पुल की सुविधा मिलने जा रही है। आपदा के 11 साल बाद यह स्थाई पैदल पुल बनकर तैयार किया गया है। इस पुल के बनने से हेलीपैड से मंदिर की दूरी भी काम हो गई है।

वहीं, पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में दारमा घाटी के नागलिंग ग्राम पंचायत के येक्सी ग्लेशियर क्षेत्र में ओम आकृति का पर्वत लोगों को आकर्षित कर रहा है। व्यास घाटी के ओम पर्वत की तरह ही इस क्षेत्र में भी ओम की आकृति दिखाई दे रही है।

सर्दियों में अधिक बर्फबारी होने पर इस आकृति के दर्शन दूर से ही हो जाते हैं हालांकि पश्चिम क्षेत्र में होने के कारण यह कभी-कभी दिखाई देती है। यहां पर ओम आकृति 3 साल पहले दिखाई दी थी। इस क्षेत्र में बुग्याल होने के कारण इसके मैदान में जहाज भी उतर सकता है। जिसके चलते यहां के लोगों का मानना है कि यदि इसके प्रचार के लिए काम किया जाए तो इसे भी प्रसिद्धि मिल सकती है।

नागलिंग क्षेत्र के ग्रामीण इस क्षेत्र को भगवान शिव के गले के नाग से जोड़ते हैं। नागलिंग से लगभग आधा किलोमीटर दूरी पर येक्सी बुग्याल है जहां सामने ही ओम की आकृति दिखाई देती है।

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