आपदा प्रभावित धराली गांव पर अभी भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है। खीरगंगा के मुहाने पर अभी भी करीब 15 फीट मलबा पसरा है। मुहाने पर दो बोल्डर अटके हैं। ये दोनों अगर पानी के बहाव के साथ नीचे आते हैं तो उसके साथ वहां जमा मलबा दोबारा तबाही मचा सकता है। इसको लेकर एनडीआरएफ ने अपनी रिपोर्ट प्रशासन को दी है।
एनडीआरएफ की पांच सदस्यीय माउंट रेस्क्यू टीम करीब सात से आठ किमी के ट्रैक को पार करने पर खीरगंगा के उद्गम स्थल झींडा बुग्याल पहुंची। वहां पर टीम ने नदी के मुहाने की रेकी कर वीडियोग्राफी की।
Kedarnath: यात्रा पर रोक के बाद भी केदारनाथ जाने की जिद पर अड़े यात्री, बैरियर तोड़ा, पुलिस ने खदेड़ा
टीम ने लौटने के बाद बताया कि अभी भी धराली पर खतरा मंडरा रहा है। एनडीआरएफ के अस्सिटेंट कमाडेंट आरएस धपोला ने बताया कि टीम के अनुसार खीरगंगा के मुहाने पर दो विशालकाय बोल्डर अटके हैं।
3 of 5
धराली
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
इसके साथ ही उसके आसपास करीब 15 फीट मलबा जमा है। इन दोनों ने नदी के बहाव को कम किया हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एक बार फिर तेज बारिश या पांच अगस्त जैसी घटना होती है तो यह मलबा दोबारा नीचे आकर तबाही मचा सकता है।
4 of 5
धराली में मलबा में दबे भवन
– फोटो : जागरूक पाठक
वहीं अगर यह नीचे आता है तो धराली को नुकसान होगा ही उसके साथ ही भागीरथी का प्रवाह भी रुक सकता है। इससे बड़ी झील बनने की आशंका है। पहले से ही धराली में करीब 20 फीट मलबा जमा है। उसने नदी के प्रवाह को बदल दिया है। ऐसे में अब यदि और मलबा आता है तो स्थिति ओर विकराल हो जाएगी।
5 of 5
धराली में मलबा में दबे होटल
– फोटो : जागरूक पाठक
बता दें कि गत पांच अगस्त को खीरगंगा में आए सैलाब ने धराली को समाप्त कर दिया है। आपदा ने धराली के लोगों की 20 वर्षों की जो कड़ी मेहनत थी उस पर पानी फेर दिया है।