जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोहराया है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का हल शांति से ही निकलेगा। उन्होंने यह बात कजान शहर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का हल शांतिपूर्ण तरीके से ही होना चाहिए और भारत इसमें हरसंभव मदद देने को तैयार है।
रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष
द्विपक्षीय बैठक में अपने शुरुआती भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के विषय पर हम लगातार संपर्क में रहे हैं। हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से ही होना चाहिए। शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली का हम पूरी तरह से समर्थन करते हैं। हमारे सभी प्रयास मानवता को प्रमुखता देते हैं। आने वाले समय में भी भारत हरसंभव सहयोग देने के लिए तैयार है।
मोदी ने यह भी कहा कि पिछले तीन महीनों में मेरा दो बार रूस आना हमारे करीबी समन्वय और गहरी मित्रता को दर्शाता है। जुलाई में मास्को में हुई हमारी सालाना बैठक से हर क्षेत्र में सहयोग को बल मिला है।
मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, राष्ट्रपति पुतिन के साथ मुलाकात बहुत ही बढि़या रही। भारत और रूस के बीच बहुत ही गहरे संबंध हैं। आज हमने विभिन्न क्षेत्रों में अपने सहयोग को और ज्यादा व्यापक बनाने पर विस्तार से बात की है। उन्होंने कजान हवाई अड्डे पर उतरने से संबंधित एक अन्य पोस्ट में लिखा कि ऐसा कनेक्ट और किसी के साथ नहीं है।
उल्लेखनीय है कि नौ जुलाई को मास्को सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है और बम व गोलियों के बीच शांति के प्रयास सफल नहीं हो सकते। इसके कुछ हफ्तों बाद वह यूक्रेन गए थे।
शांति बहाली की मांग
वहां राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत में मोदी ने कहा था कि जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए यूक्रेन और रूस को बिना समय बर्बाद किए एक साथ बैठना चाहिए और क्षेत्र में शांति बहाली के लिए भारत सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। भारत लगातार कहता रहा है कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान वार्ता और कूटनीति से किया जाना चाहिए।
हमारे रिश्ते ऐसे कि अनुवादक की जरूरत नहीं: पुतिन
भारत और रूस के बीच घनिष्ठ संबंधों और प्रधानमंत्री के साथ व्यक्तिगत तालमेल को दर्शाते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने द्विपक्षीय बैठक के दौरान कहा, ‘हमारे बीच ऐसा रिश्ता है कि मुझे लगता है कि मेरी बात को समझने के लिए आपको किसी अनुवादक की जरूरत नहीं है।’ प्रधानमंत्री मोदी भी उनकी रूसी भाषा में की गई इस बात का हिंदी अनुवाद सुनकर मुस्कुरा दिए।
पुतिन ने यह भी कहा, ‘जुलाई में हमारी मुलाकात हुई थी और कई मुद्दों पर हमारी बहुत अच्छी चर्चा हुई थी। हमने कई बार टेलीफोन पर भी बात की। कजान आने का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं।’ उन्होंने कहा कि रूस-भारत संबंधों की विशेषता ‘विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ है और यह लगातार विकसित और मजबूत हो रही है। हमारे विदेश मंत्री लगातार संपर्क में हैं। व्यापार कारोबार अच्छी स्थिति में है। अंतर-सरकारी आयोग की अगली बैठक 12 नवंबर को नई दिल्ली में होने वाली है।
कजान में नया वाणिज्य दूतावास
कजान में भारत ने नया वाणिज्य दूतावास खोला है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को धन्यवाद देते हुए कहा कि इसके खुलने से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।
ईरान के राष्ट्रपति से भी मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के अलावा ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान से भी मुलाकात की। पेजेश्कियान के जुलाई में ईरान का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मोदी की उनसे यह पहली मुलाकात है।
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🇷🇺🇮🇳 “Our Relations are So Good, You Understand Without a Translator” – Putin Jokes with Modi
A friendship between nations not lost in translation?#BRICS2024 pic.twitter.com/bQ92M1yZHB— RT_India (@RT_India_news) October 22, 2024