दिल्ली एनसीआर में अभी भीषण गर्मी का एहसास नहीं हुआ है क्योंकि जब जब गर्मी जोर पकड़ रही है तभी मौसम बदल रहा है और बारिश आंधी हो जाती है। इस तरह का मौसम मंगलवार शाम को देखने को मिला। वहीं मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर उत्तर प्रदेश राजस्थान मध्य प्रदेश महाराष्ट्र और बिहार में अगले 4 दिन गरज चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में अभी भीषण गर्मी का एहसास नहीं हुआ है क्योंकि जब जब गर्मी जोर पकड़ रही है तभी मौसम बदल रहा है और बारिश आंधी हो जाती है। इस तरह का मौसम मंगलवार शाम को देखने को मिला। वहीं, मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में अगले 4 दिन गरज चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है।
पहाड़ी राज्यों में बारिश का संभावना
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बढ़ती गर्मी से राहत मिलेगी, मौसम विभाग ने यहां गरज के साथ तेज बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने आगे ये भी बताया कि पिछले दो दिनों में निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी बारिश हुई।
मौसम विभाग ने आगे कहा कि अगले तीन से चार दिनों में दक्षिण अरब सागर, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के अधिकतर भाग, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के अधिकतर क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अंडमान सागर के बाकि भागों और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
बंगाल की खाड़ी में पहुंचा मानसून
दक्षिण-पश्चिम मानसून मंगलवार को बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग, अंडमान सागर के दक्षिणी भाग, निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर के उत्तरी भाग के कुछ क्षेत्रों में पहुंच गया है। मानसून के 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना है।
आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है मानसून
आमतौर पर, दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून तक केरल में पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है। वैसे यदि मानसून केरल में अपेक्षित समय पर पहुंचता है तो यह 2009 के बाद से पहली बार होगा। उस साल मानसून का आगमन 23 मई को ही हो गया था।
निकोबार द्वीपसमूह में मध्यम से भारी वर्षा हुई
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने कहा कि पिछले दो दिनों में निकोबार द्वीपसमूह में मध्यम से भारी वर्षा हुई। इस अवधि में बंगाल की खाड़ी के दक्षिण, निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर के ऊपर पछुआ हवाओं के प्रभाव में वृद्धि हुई है। समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर हवा की गति 20 समुद्री मील से अधिक हो गई है और कुछ क्षेत्रों में यह 4.5 किलोमीटर तक बढ़ गई है।
आईएमडी ने बताया कि आउटगोइंग लांगवेव रेडिएशन (ओएलआर) भी इस क्षेत्र में कम हुआ है जो बादल छाए रहने का संकेत है। इन परिस्थितियों ने इस क्षेत्र में मानसून के आगमन के लिए मानदंडों को पूरा किया है।
कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल
मौसम विभाग ने कहा कि अगले तीन से चार दिनों में दक्षिण अरब सागर के अधिकांश हिस्सों, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के अधिकांश क्षेत्रों, पूरे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
आईएमडी ने अप्रैल में 2025 के मानसून सीजन में सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान लगाया था और एल नीनो परिस्थितियों की संभावना को खारिज कर दिया था जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से जुड़ी होती हैं।
मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण
मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश की 42 प्रतिशत आबादी कृषि पर ही निर्भर करती है। देश की जीडीपी में इसका योगदान लगभग 18 प्रतिशत है। मानसून देशभर में पेयजल और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को भरने के लिए भी आवश्यक है
देश-दुनिया की हर ताज़ा खबर और सटीक जानकारी, हर पल आपके मोबाइल पर! अभी डाउनलोड करें- जागरण ऐप