• Mon. Jan 20th, 2025

24×7 Live News

Apdin News

West Bengal News,5 साल की बच्ची से रेप के बाद हत्या, बंगाल की कोर्ट ने 55 दिनों में पूरा किया ट्रायल, दोषी को फांसी की सजा – bengal hooghly court sentenced rape convict to death for minor rape mamata banerjee tweet

Byadmin

Jan 20, 2025


कोलकाता : पश्चिम बंगाल के हुगली में एक पोक्सो कोर्ट ने पांच साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के लिए एक दोषी को मौत की सजा सुनाई है। खास बात है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले को महज 55 दिनों के भीतर सजा सुनाई है। 9 अगस्त को आरजी कर की घटना के बाद से राज्य में नाबालिगों के बलात्कार-हत्या के मामलों में यह पांचवीं मौत की सजा है।

चिनसुरा की पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश ने 42 वर्षीय अशोक सिंह को बच्ची से दुष्कर्म और हत्या का दोषी पाया। अदालत ने आरोपी को बुधवार को दोषी करार दिया था और शुक्रवार को उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई।

क्या है पूरा मामला

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 24 नवंबर 2024 की शाम को बच्ची लापता हो गई थी। जब उसके परिवार के सदस्यों ने इलाके में तलाश शुरू की तो बच्ची का शव पड़ोसी सिंह के घर से बरामद हुआ। अशोक सिंह बच्ची को चॉकलेट के बहाने अपने घर ले गया और उसकी हत्या करने से पहले उससे दुष्कर्म किया। अशोक को उसी रात गिरफ्तार कर लिया गया और अपराध के 14 दिनों के भीतर सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दायर कर दिया गया।

बंद कमरे में हुई सुनवाई

पॉक्सो अदालत में 18 दिसंबर को मामले की सुनवाई बंद कमरे में शुरू हुई। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकीलों ने मामले में 27 गवाहों की जांच की। 55 दिनों में सुनवाई पूरी करके फैसला सुना दिया गया।

आज, अदालत ने गुरप में छोटी बच्ची से दुष्कर्म और हत्या करने के मामले में दोषी को मौत की सजा सुनाई है और मैं इसके लिए न्यायपालिका को धन्यवाद देती हूं। मैं हुगली ग्रामीण जिला पुलिस को उनकी त्वरित कार्रवाई और गहन जांच के लिए धन्यवाद देती हूं, जिसने 54 दिनों में त्वरित सुनवाई और दोषसिद्धि सुनिश्चित की। मेरी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं, और मैं उनके दर्द और पीड़ा को समझती हूं। दुष्कर्मी के लिए हमारी दुनिया में कोई जगह नहीं है। हम सब मिलकर सख्त कानून, सामाजिक सुधार, प्रभावी और कठोर प्रशासन के माध्यम से अपने बच्चों के लिए इसे एक सुरक्षित जगह बनाएंगे। इस तरह का कोई भी अपराध बिना सजा के नहीं छोड़ा जाएगा।

ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री

आरजीकर केस के बाद से कानून सख्त

आरजी कर केस के बाद से मौत की सजा का पहला फैसला पिछले साल 21 सितंबर को आया था। सिलीगुड़ी की एक पोक्सो कोर्ट ने अगस्त 2023 में माटीगाड़ा में 16 वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या के लिए एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई थी। पांच दिन बाद, कोलकाता की एक पोक्सो कोर्ट ने अप्रैल 2023 में तिलजला में 7 वर्षीय बच्ची के बलात्कार-हत्या के लिए इसी तरह की सजा सुनाई।

6 दिसंबर को तीसरे फैसले में, अक्टूबर में कुलतली में नौ वर्षीय बच्ची को निशाना बनाने वाले व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई गई। इसके सात दिन बाद चौथे आदेश में फरक्का की एक अदालत ने 9 वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या के लिए मृत्युदंड सुनाया।

बंगाल सरकार ने बनाया अपराजिता कानून

बंगाल सरकार ने बार-बार कहा है कि वह ऐसे मामलों में उच्चतम सजा चाहती है। आरजी कर मामले के बाद, अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक, 2024 ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं को बदलने की मांग की है। बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, एसिड अटैक और बार-बार अपराध करने वालों के लिए सजा दोषी के शेष जीवन के लिए कारावास प्रस्तावित की गई है। बीएनएस के तहत, अगर बलात्कार के कारण पीड़िता की मौत हो जाती है या वह लगातार बेहोशी की हालत में रहती है, तो आजीवन कारावास या 20 साल की जेल के अलावा मृत्युदंड ही एकमात्र सजा है।

विधानसभा में अपराजिता विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ। राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने विधेयक को मंजूरी नहीं दी है, इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया है। प्रत्येक मृत्युदंड के फैसले के बाद सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा, ‘हर बलात्कारी को सबसे कठोरतम सजा-मृत्युदंड से कम कुछ नहीं मिलना चाहिए।’

By admin