जयपुर के दुकानदारों ने बदला मैसूर पाक का नाम
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद जयपुर के कुछ मिठाई बनाने वालों ने मैसूर पाक का नाम बदलकर मैसूर श्री कर दिया था। इसके अलावा मोती पाक, आम पाक, स्वर्ण भस्म पाक और गोंद पाक के नाम से पाक हटाकर श्री जोड़ दिया गया। मोती पाक को मोती श्री और आम पाक को आम श्री का नाम दिया गया। जयपुर के मिठाई विक्रेताओं ने कहा था कि भारत के किसी मिठाई के नाम में पाकिस्तान के शॉर्ट फॉर्म ‘पाक’ नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
कृष्णराजा वडियार चतुर्थ के रसोइए थे काकासूरा मडप्पा
काकासुर मडप्पा के परपोते एस. नटराज का कहना है कि मैसूर पाक का नाम नहीं बदला जाना चाहिए। उनके पूर्वजों ने वाडियार राजाओं के लिए बनाई गई मिठाई को यही नाम दिया था। काकासूरा मडप्पा मैसूर के राजा कृष्णराजा वडियार चतुर्थ के प्रधान रसोइए थे। मडप्पा की पहचान इस मिठाई के नाम से ही है। उन्होंने बताया कि मैसूर पाक में पाक का मतलब पाकिस्तान से नहीं है बल्कि कन्नड़ में चाशनी को पाक कहा जाता है। इस मिठाई का ईजाद मैसूर में हुआ, इसलिए इसका नाम मैसूर पाक पड़ा। मैसूर पाक एक स्वादिष्ट मिठाई है जो चीनी की चाशनी, बेसन और घी से बनी होती है। नटराज ने कहा कि जैसे हर स्मारक और परंपरा का अपना नाम होता है, वैसे ही मैसूर पाक का भी है। इसे गलत तरीके से पेश न करें।
पांच पीढ़ियों से मैसूर पाक बना रहे हैं मडप्पा के वंशज नटराज ने बताया कि उनका परिवार पांच पीढ़ियों से यह मिठाई बना रहा है। मैसूर में आज भी दशहरा जंबो सवारी मार्ग पर उनका मशहूर गुरु स्वीट्स नाम का दुकान है। इसे नटराज के परदादा ने शुरू किया था। उनका मकसद था कि इस मिठाई को शाही दरबार के अलावा आम लोगों को चखाना भी था। परिवार की चौथी पीढ़ी के सदस्य सुमेघ एस. का कहना है कि मैसूर पाक सिर्फ एक मिठाई नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक प्रतीक है। किसी गलतफहमी के कारण इसका नाम बदलने का अधिकार किसी को नहीं है।