मानवाधिकार और महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की पूर्व सहायक मुशाल ने राहुल गांधी को लिखे पत्र में तीन दशक पुराने राजद्रोह मामले में मलिक के खिलाफ जारी मुकदमे की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है। इसमें राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने उसे मौत की सजा देने का अनुरोध किया है।
कश्मीरी अलगाववादी नेता मलिक आतंकवादी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में एनआईए की ओर से उसके खिलाफ दायर याचिका पर खुद बहस कर रहा है। एनआईए ने इस मामले में एक अपील दायर करके मलिक को फांसी की सजा देने का अनुरोध अदालत से किया है।
एनआईए ने 2017 के इस मामले में मलिक सहित कई व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया था। 2022 में एक निचली अदालत ने मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मुशाल ने कहा कि यासीन मलिक जेल में अमानवीय व्यवहार के विरोध में दो नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर है। यह भूख हड़ताल मलिक के स्वास्थ्य पर और प्रतिकूल प्रभाव डालेगी। यह उस शख्स के जीवन को खतरे में डाल देगी, जिसने हथियार छोड़कर अहिंसा की राह पर चलने का विकल्प चुना।
मुशाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार 2019 से यासीन मलिक को सभी अकल्पनीय तरीकों से प्रताड़ित कर रही है। उसने कहा कि मलिक पर 35 साल पुराने मामले में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मुकदमा चलाया जा रहा है और अब एनआईए उसके खिलाफ दर्ज मनगढ़ंत मामलों में उसके लिए मौत की सजा की मांग कर रहा है। मुशाल ने कहा कि मैं राहुल गांधी से आग्रह करती हूं कि आप संसद में अपने उच्च नैतिक और राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करें और यासीन मलिक के मामले पर एक चर्चा शुरू करें। वो जम्मू कश्मीर में ‘दिखावटी’ नहीं, बल्कि वास्तविक शांति कायम करने का जरिया बन सकता है।