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इतिहास बन गए ये नाम
– फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
साल 2024 अपने अंतिम पड़ाव पर है। चंद दिनों बाद नया साल 2025 शुरू हो जाएगा। लेकिन बीते एक साल में कई दिग्गजों ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। अब इतिहास बन चुके राजनेता, अभिनेता और कारोबार जगत की हस्तियों के जाने से उनके प्रशंसकों की दुनिया सूनी हो गई। इस साल जहां मशहूर अरबपति कारोबारी रतन टाटा का निधन हुआ, तो दुनिया के सबसे बुजर्ग व्यक्ति जॉन टिनिसवुड ने भी अंतिम सांस ली। वहीं, यूरोप और पश्चिम एशिया में जारी युद्धों से पूरी दुनिया पर असर देखने को मिला। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की मौत हुई, तो इस्राइल के साथ युद्ध में चरमपंथी समूहों हमास और हिजबुल्ला के कई शीर्ष कमांडरों को मौत के घाट उतारा गया। सालभर ये मशहूर चेहरे चर्चा का केंद्र बने रहे, आइए विस्तार से जानते हैं-
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क्रिश्चियन ओलिवर
– फोटो : इंस्टाग्राम/क्रिश्चियन ओलिवर ऑफिशियल
क्रिश्चियन ओलिवर
क्रिश्चियन ओलिवर का जन्म 3 मार्च 1972 को जर्मनी के सेल में हुआ था और वह फ्रैंकफर्ट में पले-बढ़े थे। बाद में वह अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने मॉडलिंग की और फिर न्यूयॉर्क और लॉस एंजिल्स में अभिनय की शिक्षा ली। 2022 से 2004 तक ओलिवर ने जर्मन एक्शन टीवी सीरीज ‘अलार्म फ्यूर कोबरा 11’ के 28 एपिसोड में सह-अभिनय किया। उन्हें खासतौर पर टीवी सीरीज कोबरा 11 में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता था। 4 जनवरी 2024 को ओलिवर अपनी दो बेटियों मैडिता और अन्निक और अमेरिकी पायलट रॉबर्ट सैक्स के साथ एक चार सीटों वाले बेलांका विकिंग विमान से सफर कर रहे थे, लेकिन यह विमान कैरेबियाई द्वीप बेक्विया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना में सभी लोगों की मौत हुई। इस दुर्घटना की जांच रॉयल सेंट विसेंट और ग्रेनेडाइंस पुलिस कर रही है।
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सरताज अजीज
– फोटो : पीटीआई (फाइल)
सरताज अजीज
सरताज अजीज का जन्म पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के मरदान में 7 फरवरी 2019 को हुआ था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की थी। जिसके बाद उन्होंने हार्वर्ड केनेडी स्कूल में लोक प्रशासन की पढ़ाई की। अजीज ने 1951 से 1971 तक पाकिस्तान सरकार में एक लोक सेवक के रूप में का किया था। वह 1967 से 1971 के बीच पाकिस्तान के योजना आयोग में संयुक्त सचिव रहे। उनके सियासी सफर की शुरुआत साल 1988 में हुई थी, जब वह सीनेट के लिए चुने गए। 1993 में वह नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन से दोबारा चुने गए। सरताज अजीज 1990 से जून 1993 तक पाकिस्तान के वित्ती मंत्री रहे। उन्होंने आर्थिक कारणों का हवाला देते हुए भारत के जवाब में परमाणु परीक्षण करने के फैसले का विरोध किया था। वह 1998 से 1999 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी रहे। इसके बाद 2004 में वह बीकनहाउस राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति बने। 2 जनवरी 2024 को राजधानी इस्लामाबाद में उनका निधन हुआ।
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सेबेस्टियन पिनेरा
– फोटो : एक्स/सेबेस्टियन पिनेरा
सेबेस्टियन पिनेरा
सेबेस्टियन पिनेरा का जन्म 1 दिसंबर 1949 को चिली के सबसे बड़े शहर सेनटियागो में हुआ था। वह चिली के एक बड़े कारोबारी और राजनेता थे। पिनेरा 2010 से 2014 और फिर 2018 से 2022 तक चिली के राष्ट्रपति रहे। उनके परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि थी और उनके पिता भी एक जाने-माने नेता थे। पिनेरा ने चिली के पोंटिफिकल कैथोलिक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी। बाद में उन्होंने अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। उनके पास करीब 2.7 अरब डॉलर की संपत्ति थी, जिससे वह चिली के तीसरे सबसे अमीर आदमी थे। पिनेरा ने 1990 से 1998 तक चिली की संसद में काम किया। उन्होंने 2005 में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा,लेकिन हार गए। फिर 2010 में वह राष्ट्रपति चुने गए। वह चिली के पहले कंजर्वेटिव राष्ट्रपति बने। उनकी सरकार ने 2010 में भूकंप के बाद पुनर्निर्माण, 33 खनन कर्मियों को बचाने और 2021 में समलैंगिक विवाह को कानूनी बनाने जैसे बडे काम किए। उनकी सरकार के दौरान बड़े विरोध प्रदर्शन (साल 2011 और 2019-2020) हुए थे। 2022 में उन्होंने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया। 6 फरवरी 2024 को एक हेलीकॉप्टर हादसे में 74 की उम्र में उनका निधन हुआ।
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एलेक्सी नवेलनी
– फोटो : एएनआई/रॉयटर्स
एलेक्सी नवलनी
एलेक्सी नवलनी का जन्म 4 जून 1976 को मॉस्को के पश्चिम में बसे गांव बुटिन में हुआ। वह ऑब्निन्सिक शहर में पले-बढ़े। उन्होंने 1998 में फ्रेंडशिप ऑफ द पीपल्स यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। 2010 में येल वर्ल्ड फेलो के तौर पर अमेरिका में एक साल बिताया। नवलनी रूस के प्रमुख विपक्षी नेता और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता थे। वह रूस सरकार और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए मशहूर थे। नवेलन ने 2000 के दशक के अंत में अपना सियासी करियर शुरू किया। तब उन्होंने रूस सरकार की नीतियों और अधिकारियों के भ्रष्टाचार की पड़ताल की। उन्होंने एक वेबसाइट बनाई थी, जो सरकार के विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करती थी।
नवलनी का मकसद रूस में एक लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था स्थापित करना था, जहां चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों। उनकी गतिविधियों ने बार-बार निशाने पर लिया। उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया। वेबसाइट को बंद कर दिया गया और लंबे समय तक जेल में रखा गया। 2020 में नवलनी को जहर देकर मारने का प्रयास किया गया। जिसे पश्चिम देशों ने रूस सरकार की नवेलनी के खिलाफ साजिश माना। 16 फरवरी 2024 को यमालो-नेनेत्स जिल की पीनल कॉलोनी में उनका निधन हुआ। उनकी मौत की खबर दुनियाभर में चर्चा का विषय रही।