अमेरिका (America) में डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) प्रशासन ने एक खोज योग्य (Searchable) राष्ट्रीय नागरिकता डेटा सिस्टम शुरू किया है। इसका उद्देश्य राज्य और स्थानीय चुनाव अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने में मदद करना है कि केवल अमेरिकी नागरिक ही वोट डालें।

डीएचएस (Department of Homeland Security) और व्हाइट हाउस का DOGE (Department of Government Efficiency) मिलकर इस सिस्टम को बना रहे हैं। वे सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन और इमिग्रेशन डेटाबेस से जानकारी लेंगे। इस सिस्टम से चुनाव अधिकारी वोटर लिस्ट को चेक कर पाएंगे। वे यह देख पाएंगे कि वोटर लिस्ट में शामिल लोग अमेरिका के नागरिक हैं या नहीं। यह सिस्टम अमेरिका में पहली बार बन रहा है।
पहले वोर को बर्थ सर्टिफिकेट या पासपोर्ट दिखाना पड़ता था
पहले वोटर को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट या पासपोर्ट दिखाना पड़ता था। इससे कई लोगों को वोट डालने में परेशानी होती थी। क्योंकि सबके पास ये डॉक्यूमेंट नहीं होते थे। अब यह सिस्टम बनने से वोटर वेरिफिकेशन आसान हो जाएगा। लेकिन कुछ लोगों को इस सिस्टम से परेशानी है। उन्हें डर है कि इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है।कई सालों से चुनाव अधिकारी एक राष्ट्रीय नागरिकता लिस्ट की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि वोटर वेरिफिकेशन में बहुत दिक्कत होती है। नया सिस्टम इस काम को आसान कर देगा। लेकिन इसे बहुत जल्दी में बनाया गया है। लोगों से इस बारे में राय नहीं ली गई। इसलिए कुछ अधिकारियों को चिंता है कि इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है।
प्राइवेसी के लिए काम करने वाले लोगों को परेशानी
प्राइवेसी के लिए काम करने वाले लोगों को भी इस सिस्टम से परेशानी है। उनका कहना है कि यह एक तरह से नागरिकों की राष्ट्रीय लिस्ट बन जाएगी। अमेरिका में ऐसी लिस्ट बनाना हमेशा से विवादों में रहा है। इलेक्ट्रॉनिक प्राइवेसी इन्फॉर्मेशन सेंटर के डायरेक्टर जॉन डेविसन ने कहा, “यह एक ऐसी बहस है जिसमें सार्वजनिक जांच, निर्वाचित प्रतिनिधियों की भागीदारी और सार्वजनिक टिप्पणी की जरूरत है।”
सरकार का कहना है कि यह सिस्टम चुनावों को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी है। लेकिन आलोचकों का कहना है कि इसे गुप्त तरीके से बनाया गया है। इसका इस्तेमाल और भी कई कामों के लिए किया जा सकता है। इसलिए इस पर ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। वोटर की जानकारी सुरक्षित रहे और चुनाव भी ठीक से हो, इस बात पर ध्यान देना होगा। जैसे-जैसे यह सिस्टम आगे बढ़ेगा, इस पर बहस और भी तेज होगी।
एक ही जगह पर सारी जानकारी मिलेगी
यह सिस्टम वोटर वेरिफिकेशन के पुराने तरीके से अलग है। पहले अलग-अलग जगहों से जानकारी लेनी पड़ती थी। अब एक ही जगह पर सारी जानकारी मिल जाएगी। इससे समय और मेहनत बचेगी। लेकिन यह भी जरूरी है कि लोगों की प्राइवेसी का ध्यान रखा जाए। सरकार को यह बताना चाहिए कि इस सिस्टम का इस्तेमाल कैसे होगा। लोगों को अपनी राय रखने का मौका मिलना चाहिए।
अमेरिका में चुनावों को सुरक्षित और निष्पक्ष बनाना बहुत जरूरी है। यह सिस्टम उसी दिशा में एक कदम है। लेकिन यह भी जरूरी है कि लोगों के अधिकारों का हनन न हो। सरकार और लोगों को मिलकर काम करना होगा ताकि एक ऐसा सिस्टम बन सके जो सबके लिए फायदेमंद हो।
यह सिस्टम अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है। इसे धीरे-धीरे लागू किया जा रहा है। सरकार को लोगों को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए। लोगों को यह बताना चाहिए कि यह सिस्टम कैसे काम करेगा और उनकी जानकारी कैसे सुरक्षित रहेगी। तभी लोग इस सिस्टम पर भरोसा करेंगे।