अमेरिकी नागरिक इस साल नवंबर में अपने अगले राष्ट्रपति को चुनने के लिए मतदान करेंगे.
इस चुनाव पर दुनिया भर की नज़र होगी.
अमेरिकी नागरिक राष्ट्रपति के साथ ही कांग्रेस के नए सदस्यों को चुनने के लिए भी मतदान करेंगे, जो किसी बिल या कानून को पारित कराने में अहम भूमिका निभाते हैं.
ये कानून अमेरिकी नागरिकों के जीवन पर गहरा असर डाल सकते हैं
अगला राष्ट्रपति चुनाव कब है?
अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव मंगलवार, 5 नवंबर 2024 को होगा. चुनाव जीतने वाला उम्मीदवार व्हाइट हाउस में अगले चार वर्षों का कार्यकाल पूरा करेगा. यह कार्यकाल जनवरी 2025 से शुरू होगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति के पास कुछ कानूनों को ख़ुद पारित कराने का अधिकार होता है लेकिन ज़्यादातर कानून उसे संसद की मदद से पारित कराने होते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति को वैश्विक मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने और विदेश नीति तय करने की काफी आज़ादी होती है.
इस बार के चुनाव में कौन से उम्मीदवार हैं और इन्हें कैसे चुना जाता है?
अमेरिका के दो प्रमुख राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवार नामांकित (नॉमिनेट) करते हैं. इसके लिए ये पार्टियां स्टेट प्राइमरी और कॉकस का आयोजन करते हैं, जिनमें लोग उन नेताओं को चुनते हैं जो आम चुनाव में उनकी पार्टी का नेतृत्व करें.
रिपब्लिकन पार्टी में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भारी बढ़त के साथ अपनी पार्टी का समर्थन हासिल किया. विस्कॉन्सिन के मिल्वॉकी में हुए पार्टी सम्मेलन में वो रिपब्लिकन पार्टी के आधिकारिक राष्ट्रपति उम्मीदवार बने.
वहीं राष्ट्रपति जो बाइडन के पीछे हटने के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं. बाइडन के बाहर होने के बाद किसी अन्य डेमोक्रेट ने कमला हैरिस की उम्मीदवारी को चुनौती नहीं दी.
इनके अलावा कुछ स्वतंत्र उम्मीदवार भी राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की दौड़ में थे.
इनमें से सबसे प्रमुख थे रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर, जो कि पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे हैं. लेकिन अगस्त के अंत में उन्होंने अपना चुनाव अभियान खत्म कर डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया.
डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन पार्टी का रुख़ क्या है?
अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी एक लिबरल (उदारवादी) राजनीतिक पार्टी है, जिसका एजेंडा मुख्य रूप से नागरिक अधिकारों, सामाजिक सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को आगे बढ़ाना और इनके लिए उपायों को सुनिश्चित करना है.
रिपब्लिकन पार्टी अमेरिका की रूढ़िवादी पार्टी है. इसे जीओपी या ग्रैंड ओल्ड पार्टी के रूप में भी जाना जाता है. ये पार्टी टैक्स कम करने, सरकार के आकार को कम करने, बंदूक रखने का अधिकार देने और आप्रवासन विरोध और गर्भपात पर कड़े प्रतिबंधों लगाने की हिमायती है.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की कार्य प्रणाली क्या है?
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में पूरे देश में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाला उम्मीदवार विजेता नहीं होता.
इसके बजाय दोनों पार्टियों के उम्मीदवार को पूरे 50 राज्यों में होने वाले चुनावों को जीतने के लिए प्रतिस्पर्द्धा करनी पड़ती है.
हरेक प्रांत में आंशिक तौर पर जनसंख्या पर आधारित कथित इलेक्टोरल कॉलेजों की एक निश्चित संख्या होती है. इस तरह 538 इलेक्टोरल कॉलेज होते हैं. इनमें से 270 या इनसे अधिक में जीतने वाला ही विजेता होता है.
केवल दो को छोड़ कर सभी राज्यों में जो भी उम्मीदवार सबसे ज्यादा वोट हासिल करता है उसे ही इलेक्टोरल कॉलेज के सभी वोट दे दिए जाते हैं.
ज्यादातर राज्य एक या दूसरी पार्टी की ओर काफी ज्यादा झुके होते हैं. इसलिए उम्मीदवार लगभग उन एक दर्जन के राज्यों पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं जहां उनके जीतने की संभावना होती है. इन्हें बैटलग्राउंड या स्विंग स्टेट कहते हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर कोई उम्मीदवार सबसे ज्यादा वोट हासिल कर सकता है. जैसे हिलेरी क्लिंटन ने 2016 में राष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा वोट हासिल किए थे. लेकिन इलेक्टोरल कॉलेज के चुनावों में वो हार गईं.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कौन वोट दे सकता है?
अमेरिकी चुनाव में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिक राष्ट्रपति चुनाव में वोट दे सकते हैं.
सिर्फ नॉर्थ डेकोटा को छोड़ कर सभी राज्यों में वोट देने से पहले वोटरों को रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है.
हर राज्य में वोटर रजिस्ट्रेशन की अपनी प्रक्रिया और डेडलाइन होती है.
विदेश में रहने वाले अमेरिकी नागरिक भी वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
वो फेडरल पोस्ट कार्ड एप्लीकेशन भर कर डाक मत पत्र मंगा सकते हैं.
राष्ट्रपति चुनाव के अलावा और किनका चुनाव होगा?
इस समय पूरी दुनिया में लोगों का ध्यान इस बात पर है कि अमेरिका में आख़िर राष्ट्रपति कौन चुना जाएगा. लेकिन अमेरिकी वोटर राष्ट्रपति के अलावा अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों का भी चुनाव करेंगे. इसी कांग्रेस यानी संसद में कानून पारित होते हैं.
अमेरिकी संसद में दो सदन होते हैं-
*हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव. इसकी सभी 435 सीटों के लिए चुनाव होते हैं.
*सीनेट, जिसकी 34 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं.
हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में फिलहाल रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है. यही अमेरिका में व्यय योजनाओं को मंजूरी देता है. जबकि सीनेट पर डेमोक्रेट्स का नियंत्रण है. सीनेट में सरकार की अहम नियुक्तियों पर वोटिंग होती है.
हमें कब पता चलेगा कि कौन जीता?
आम तौर पर विजेता का एलान मतदान की रात को ही हो जाता है लेकिन 2020 में वोटों की गिनती में कुछ दिन लग गए थे.
अगर नया राष्ट्रपति चुना जाता है तो चुनाव के बाद की कुछ अवधि ट्रांजिशन कहलाती है.
इस दौरान नए प्रशासन को कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति करने और नए कार्यकाल के लिए योजना बनाने का समय दिया जाता है.
राष्ट्रपति को जनवरी महीने में पद की शपथ दिलाई जाती है. इसे इनोगरेशन कहते हैं. यह वाशिंगटन डीसी स्थित कैपिटॉल बिल्डिंग की सीढ़ियों पर होता है.