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अरे, शहीद करवाओगे क्‍या… जगदीप धनखड़ के इस्‍तीफे पर गोरखपुर सांसद रवि किशन ने ये क्‍या कह दिया – ravi kishan big statement on jagdeep dhankhars resignation you cant make someone a martyr

Byadmin

Jul 22, 2025


उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया, जिससे देश की राजनीति में हलचल मच गई। उनके इस्तीफे के कारणों पर अटकलें लगाई जा रही हैं।

ravi kishan.
रवि किशन ने कहा कि दाल में काला नहीं, बल्कि विपक्ष के दिमाग में काला है
गोरखपुर: सोमवार की रात लगभग 9 बजे आई, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की खबर ने देश की सियासत में भूचाल ला दिया। विपक्ष के साथ-साथ सत्ताधारी बीजेपी के नेता भी अचानक हुए इस राजनीतिक बदलाव से चौंक गए। कयास लगाए जाने लगे। जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा क्यों दिया? इस्तीफा दिया गया या मांगा गया? अब देश का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? और सबसे बड़ा सवाल… क्या ये इस्तीफा आने वाले समय में, किसी बड़े राजनीतिक उलटफेर की शुरुआत है।

मंगलवार को भी संसद परिसर इसी सुगबुगाहट में उलझा रहा। चर्चा उस वक्त और तेज हो गई, जब खबर आई कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे में बताया कि स्वास्थ्य कारणों की वजह से उन्होंने अब पद छोड़ने का फैसला लिया है। वहीं, इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की गोरखपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद रवि किशन ने भी एक चौंकाने वाला बयान दिया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर पूछे गए सवाल पर रवि किशन ने कहा, ‘अरे समबडी इज नॉट वेल यार… किसी को शहीद तो नहीं करवा सकते ना आप काम करते-करते। किसी का शरीर चाह रहा है आराम करना, तो उनको आराम करने दो। दरअसल, दाल में काला नहीं है, विपक्ष के दिमाग में काला है। हर चीज पर आप राजनीति कर रहे हैं। समबडी इज नॉट वेल… बात करते करते हम गिर जाएं, आप गिर जाएं, किसी को अगले पल का पता है क्या? डॉक्टर ने बोला होगा आराम करने के लिए, तो वह आराम करना चाहते हैं। उस पर भी आप राजनीति कर रहे हैं।’

आपको बता दें कि जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि डॉक्टर की तरफ से आराम करने की सलाह का पालन करने और अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वह अपना पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने लिखा कि उनका इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के मुताबिक है। अब देशभर की निगाहें इस बात पर लगी हैं कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा?

धर्मेंद्र कुमार

लेखक के बारे मेंधर्मेंद्र कुमारदिल्ली यूनिवर्सिटी साउथ कैंपस से 2010 में पत्रकारिता करने के बाद अमर उजाला डिजिटल से करियर की शुरुआत की। अमर उजाला में करीब साढ़े पांच साल की लंबी पारी के बाद हिंदी वनइंडिया में न्यूज डेस्क को लीड किया। इस समय नवभारत टाइम्स में क्राइम सेक्शन को संभाल रहा हूं। साथ ही राजनीतिक मुद्दों पर लिखने में भी दिलचस्पी है।और पढ़ें