गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों नए कानूनों के लागू होने के एक साल पूरा होने को नए युग का आगाज करार दिया है। आम जनता के लिए नए कानूनों की अहमियत बताते हुए अमित शाह ने कहा कि इससे आम लोगों में एफआईआर करेंगे तो क्या होगा की जगह एफआईआर से तुरंत न्याय मिलेगा का विश्वास बढ़ेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों नए कानूनों के लागू होने के एक साल पूरा होने को नए युग का आगाज करार दिया है।
भारत मंडपम में आयोजित हुआ कार्यक्रम
इस अवसर पर भारत मंडपम में आयोजित ”न्याय प्रणाली में विश्वास का स्वर्णिम वर्ष” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि अगले तीन साल के भीतर नई आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से काम करने लगेगी और तब किसी भी नागरिक को तीन साल के भीतर न्याय मिलना सुनिश्चित हो जाएगा।
आम जनता के लिए नए कानूनों की अहमियत बताते हुए अमित शाह ने कहा कि इससे आम लोगों में एफआईआर करेंगे तो क्या होगा की जगह एफआईआर से तुरंत न्याय मिलेगा का विश्वास बढ़ेगा।
एक नया स्वर्णिम कालखंड शुरू होने वाला है- शाह
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय से युक्त शासन का एक नया स्वर्णिम कालखंड शुरू होने वाला है। उनके अनुसार जनता के अधिकारों की रक्षा करने वाली न्याय प्रणाली को पारदर्शी, लोकोपयोगी और समयबद्ध बनाने से बड़ा सुधार कोई नहीं हो सकता।
तीनों नए कानूनों के अनुरूप आपराधिक न्याय प्रणाली को अमली जामा पहनाने की तैयारियों का ब्यौरा देते हुए अमित शाह ने कहा कि पिछले एक साल में 14 लाख 80 हजार पुलिसकर्मिओं, 42 हजार जेल कर्मियों, 19 हजार से अधिक न्यायिक अधिकारियों और 11 हजार से अधिक पब्लिक प्रोसेक्यूटर को प्रशिक्षित किया गया है।
ई-साक्ष्य को लेकर किया यह काम
वहीं 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने शत-प्रतिशत क्षमता का निर्माण पूरा कर लिया है। 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ई-साक्ष्य और ई-समन, छह राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने न्याय श्रुति और 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने सामुदायिक सेवा की अधिसूचना जारी कर दी है।
अमित शाह ने नए कानूनों के सफलतापूर्वक और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनता को जागरूक करने और अपने अधिकारों के प्रति सचेत करना जरूरी है। यह अकेले पुलिस और केंद्रीय गृह मंत्रालय नहीं कर सकता है। इसके लिए उन्होंने सभी राज्यों को उचित कदम उठाने को कहा है।
आजादी के बाद का सबसे बड़ा रिफॉर्म
उन्होंने कहा कि नए कानूनों में तकनीक को खासा अहमियत दी गई है, जिनके अमल में आने के बाद शंका के आधार पर अपराधियों के बच निकलने की संभावना खत्म हो जाएगी। इससे भारत में दोष सिद्धि की दर दुनिया के अग्रणी देशों से भी बेहतर हो जाएगी। शाह के अनुसार भविष्य में जब भी इन कानूनों का विश्लेषण होगा, तब इन्हें आजादी के बाद का सबसे बड़ा रिफॉर्म माना जाएगा।