संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के
भाषण में कश्मीर का ज़िक्र करने पर भारत ने जवाब दिया है.
भाविका ने कहा, “इस सभा ने आज सुबह एक बेहद दुखद घटना
देखी. सेना के ज़रिए चलाए जा रहे एक मुल्क ने जो आतंकवाद, नशीले पदार्थों के
व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए वैश्विक रूप से बदना है उसने दुनिया के
सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया है.”
“मैं पाकिस्तानी
प्रधानमंत्री के भाषण में भारत के संदर्भ के बारे में बात कर रही हूं. जैसा कि दुनिया
जानती है कि पाकिस्तान का लंबे समय से अपने पड़ोसियों के ख़िलाफ़ हथियार के रूप
में सीमापार आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहा है.”
“इसने हमारी संसद, हमारी आर्थिक राजधानी मुंबई, बाज़ारों
और तीर्थयात्राओं के रास्तों पर हमले किए हैं. ये एक लंबी सूची है. इस तरह के देश
के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है.”
“ये और भी अजीब उस
देश के लिए है जहां चुनावों में धांधली का इतिहास है और वो राजनीतिक विकल्पों की
बात कर रहे हैं. असली सच ये है कि पाकिस्तान हमारे क्षेत्र का लालच रखता है और असल
में वास्तव में जम्मू-कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल
करता रहा है.”
दरअसल शहबाज़ शरीफ़ ने कहा था कि शांति की ओर बढ़ने के बजाय,भारत ने जम्मू-कश्मीर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने के अपने वादों से मुंह मोड़ लिया है. ये प्रस्ताव कश्मीर के लोगों के लिए एक जनमत संग्रह का आदेश देते हैं ताकि वे आत्मनिर्णय के अपने मौलिक अधिकार का इस्तेमाल कर सकें.