ये यकीन करना मुश्किल है कि हिज़्बुल्लाह के इस्तेमाल में आने वाले पेजरों और वॉकी टॉकी में हुए धमाकों को सिर्फ़ एक हफ़्ता ही बीता है.
उसके बाद से अब तक हिज़्बुल्लाह के लिए विनाशकारी नाकामियों का एक सिलसिला चल पड़ा है जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है.
संचार नेटवर्क में बाधा, लड़ाकों पर हमले, बड़े लीडरों की हत्या और सेना के बुनियादी ढांचे पर लगातार बमबारी की वजह से हिज़्बुल्लाह चार दशकों में अपने सबसे बुरे संकट का सामना कर रहा है.
अब इसराइल के रक्षा मंत्री ने कहा है कि उनका अभियान “बढ़” रहा है. लेकिन यह एक बड़ी जोख़िम वाली रणनीति है, जिसमें हिज़्बुल्लाह के बदले की कार्रवाई की क्षमता को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता.
उत्तरी इसराइल में लगातार जारी अलर्ट के बीच इसराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने इसराइलियों से कहा है कि वो “संयम, अनुशासन और होम फ्रंट कमांड के निर्देशों का पूरा पालन करें.”
जब हम तिबेरियास से थोड़े दूर पश्चिम में मौजूद गिवात अवनी के छोटे से समुदाय के बीच गए तो हमने वहां सबकुछ समान्य रूप से रखा पाया.
डेविड यित्ज़ाक ने हमें दिखाया कि सोमवार को दोपहर के भोजन के समय एक रॉकेट उनके घर की छत को चीरता हुआ आ गिरा था.
विस्फोट से कुछ सेकंड पहले ही डेविड ने बजते हुए सायरन के बीच अपनी पत्नी और छह साल की बेटी को घर के सुरक्षित कमरे में पहुंचाया था.
डेविड ने उस कमरे और अपनी बेटी के सोने कमरे में बने छेद के बीच की छोटी दूरी की ओर इशारा करते हुए कहा, “ज़िदगी और मौत के बीच की दूरी एक मीटर है.”
उन्होंने कहा कि उन्हें लेबनान के लोगों से दुश्मनी नहीं है, लेकिन हिज़्बुल्लाह ने बिना किसी वजह के जंग शुरू की है.
“इसलिए अब हम उसे वापस लौटा रहे हैं और यह अच्छा रहेगा.”
लेकिन गिवात अवनी लेबनानी सीमा से 30 किमी दूर है.
यह क़रीब एक साल पहले अधिकारियों द्वारा बनाए निकासी क्षेत्र से बहुत दूर है.
इसराइली सेना का इरादा
एक घंटे बाद जब हम पास के किबुत्ज़ लावी इलाक़े में पहुंचे, जहां बीते एक साल से उत्तर की तरफ से आए परिवार रह रहे थे, तो एक बार फिर सायरन बज उठा.
हमें आकाश में रॉकेट दिखाई दिए और हमें बच्चों और उनकी कलाकृतियों से भरे भूमिगत जगह पर ले जाया गया, हमने वहां से धमाकों की गुंजती हुई सिलसिलेवार आवाज़ सुनाई दी.
उसके एक घंटे बाद फिर से और ज़्यादा अलर्ट, एक अन्य सुरक्षित कमरा और अधिक दूर तक विस्फोट का मंज़र हमारे सामने था.
हिज़्बुल्लाह ने हाल ही में हुए संघर्ष से पहले भी इसराइल में रॉकेट दागे थे. लेकिन अब उत्तरी इसराइल का एक बड़ा हिस्सा भी उसके निशाने पर है.
इन सब वजहों से सरकार की तरफ से जल्दबाज़ी की ज़रूरत बढ़ रही है.
इस बीच रक्षा प्रमुखों के साथ बैठक के बाद इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इसराइल उत्तर की तरफ शक्ति संतुलन बदल रहा है.
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “हम मुश्किल दिनों का सामना कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “हम किसी ख़तरे का इंतज़ार नहीं करते. हम पहले से उसका अंदाज़ा लगा लेते हैं. कहीं भी, किसी भी इलाक़े में, किसी भी वक़्त. हम बड़े लोगों को ख़त्म करते हैं, आतंकवादियों को ख़त्म करते हैं, मिसाइलों को ख़त्म करते हैं”
इसराइल की सेना का पक्का इरादा हिज़्बुल्लाह को पीछे धकेलने का है.
उसका इरादा उत्तरी सीमा पर खाली कराए गए नागरिकों को उनके घरों में वापस भेजने के सरकार के मक़सद को पूरा करना है.
इसराइली हवाई हमलों का मकसद?
सोमवार की सुबह इसराइली सेना ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए लेबनानी गांववासियों से उन जगहों को छोड़ने के लिए कहा, जहां उनके मुताबिक़ हिज़्बुल्लाह ने अपने बड़े हथियार छिपा रखे हैं.
इसराइली सेना के अधिकारियों ने पत्रकारों को हवाई हमले का एक वीडियो भी दिखाया, जिसमें इसराइल का कहना है कि उसने एक घर के अंदर छिपाई गई रूसी क्रूज़ मिसाइल को नष्ट कर दिया.
एक अन्य “वीडियो” में, हमें दक्षिणी लेबनान के एक गांव का कंकाल की तरह 3डी मॉडल दिखाया गया, जो छिपे हुए हथियारों और उपकरणों से भरा हुआ था.
बनावटी तस्वीरों और आम लोगों को वहां से चले जाने के निर्देश, सभी में ग़ज़ा में इसराइल के इरादे को स्पष्ट करने की कोशिश दिखाई दे रही थी.
लेकिन इसराइल के सैन्य अधिकारी इस बात पर जोर देते हैं कि ग़ज़ा के विपरीत, इन चेतावनियों का यह मतलब नहीं है कि सेना दक्षिणी लेबनान में ज़मीन पर उतरने के लिए तत्पर है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा, “हम फिलहाल केवल इसराइल के हवाई अभियान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.”
ऐसा लगता है कि अभी इसराइल यह देखना चाहता है कि वह हवा से क्या हासिल कर सकता है.
इसराइल के चैनल 12 पर बोलते हुए एक पूर्व कमांडर ने कहा कि अब तक वायु सेना ने अपनी ताक़त का केवल एक हिस्सा ही दिखाया है.
लेकिन इसराइल हवाई मार्ग से केवल कुछ ही हासिल कर सकता है.
भले ही उसके जेट विमान पूरे के पूरे गांवों को बर्बाद कर दें, जैसा कि संभव दिखता है.
इसराइल के लिए किसी समय पर ज़मीनी आक्रमण चाहे वह कितना भी सीमित क्यों न, हो ज़रूरी दिखता है.
लेकिन क्या यह बुद्धिमानी होगी?
डॉक्टर जैक्स नेरिया यरूशलम सेंटर फॉर सिक्योरिटी एंड फॉरेन अफेयर्स के वरिष्ठ शोधकर्ता हैं. उन्होंने आई24 न्यूज़ को बताया, “यही तो हिज़्बुल्लाह चाहता है.”
उनके मुताबिक़, “दक्षिणी लेबनान के निवासी हिज़्बुल्लाह के सैनिक हैं. इसलिए हमें नए हालात में एक ऐसे समूह के ख़िलाफ़ लड़ना होगा जिसे हम नहीं जानते.”
पिछले सप्ताह अपने विद्रोही भाषण में हिज़्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह ने इसराइल को दक्षिणी लेबनान में बफ़र ज़ोन बनाने का प्रयास करने की चुनौती दी थी, जिसके लिए इसराइल के उत्तरी कमांड के प्रमुख जोर दे रहे हैं.
जैक्स नेरिया ने कहा है कि इस तरह के प्रयास से इसराइल के लिए “भयानक नतीजे” होंगे.
फिलहाल इस मामले में कूटनीतिक स्तर पर आगे बढ़ने का कोई संकेत नहीं है.
इसराइल और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष को शांत करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में किए जा रहे प्रयास ग़ज़ा में युद्ध विराम और इसराइली बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत के प्रयासों में भी कमी आई है.
ऐसा लगता है कि इसपर सेना का सर्द तर्क, हमला और जवाबी हमला हावी हो गया है.
यह बराबरी की लड़ाई नहीं है. इसराइल को मालूम है कि वह हिज़्बुल्लाह को हरा सकता है.
इस लड़ाई में दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के विनाश और पीड़ा पहुंचाने में बहुत बड़ी विषमता है.
लेकिन यह संघर्ष किस दिशा में जा रहा है और इसके ख़त्म होने से पहले यह कितना बदतर हो जाएगा, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित