राजस्थान में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने 11 उपेक्षित युवतियों की शादी कराई। इसके लिए 1900 युवकों के आवेदन आए थे जिनमें से योग्य वर चुने गए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य महिला सदन में नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। विभाग 2005 से 2022 तक 100 से अधिक युवतियों का विवाह करा चुका है। इसका उद्देश्य महिलाओं का सामाजिक और पारिवारिक पुनर्वास करना है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में 11 युवतियों से शादी के लिए 1900 युवकों के आवेदन आए, उनके इंटरव्यू हुए। युवकों के घर-व्यवसाय को देखा गया। चयनित युवकों को लेकर युवतियों से राय ली गई और उनकी सहमति के बाद रिश्ता तय किया गया।
शुक्रवार को राज्य महिला सदन में उन युवतियों की शादी हुई। इसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी पहुंचे और दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया। सरकार ने इन बेटियों की शादी के लिए योग्य युवकों का आवेदन मांगा था।
सरकार ने लिया युवतियों के विवाह का जिम्मा
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से बताया गया कि युवतियां समाज से उपेक्षित थीं और सरकार ने उनके विवाह का जिम्मा लिया। 11 युवतियों के लिए छह युवक जयपुर जिले से चयनित हुए। इनके अलावा एक-एक झुंझुनूं, बारां और कोटा से है। दो युवक डीडवाना-कुचामन जिले से है।
100 से अधिक लड़कियों की शादी करा चुका है विभाग
बता दें कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग साल 2005 से 2022 तक 100 से अधिक युवतियों की शादी करा चुका है। विभाग का मकसद संभाग स्तरीय नारी निकेतनों और राज्य महिला सदनों का संचालन कर महिलाओं का सामाजिक और पारिवारिक पुनर्वास करना है।
इन सदनों में 18 साल से अधिक उम्र की युवतियों को कोर्ट, पुलिस, सामाजिक कार्यकर्ता और स्वयं की इच्छा के आधार पर रखा जाता है। राज्य महिला सदन जयपुर में और नारी निकेतन जोधपुर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर, बीकानेर और अजमेर जिले में चलाए जा रहे हैं।