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कर्नाटक सरकार ने पिछले सप्ताह हुई एक बाघिन और उसके चार शावकों की मौत के मामले में महादेश्वर हिल्स वन्यजीव अभयारण्य के उप संरक्षक और सहायक वन संरक्षक को छुट्टी पर भेज दिया है.
कर्नाटक वन विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इन अधिकारियों ने “दो दिनों तक” कोई कार्रवाई नहीं की, जब बाघिन और उसके चार शावक सड़क से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर मृत पड़े थे.
वन विभाग ने बताया कि बाघिन और उसके चार शावकों को चामराजनगर जिले में स्थित अभयारण्य के हुग्यम वन क्षेत्र में 26 जून को मृत पाया गया था.
इन सभी ने एक शिकार को खाया था जिसे दो दिन पहले ही बाघिन ने मारा था.
इस मामले में शिकार हुई गाय के शव पर कीटनाशक छिड़कने के मामले में गाय के मालिक और उसके दो सहयोगियों को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया है.
इन्होंने शव पर फोरेट युक्त कीटनाशक छिड़कने की बात स्वीकार कर ली है.
पोस्टमार्टम के बाद पशु चिकित्सकों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि कीटनाशक इतना शक्तिशाली था कि शिकार खाने के बाद बाघिन और उसके बच्चे कुछ घंटों में ही मर गए होंगे.
दरअसल गाय का शिकार करने के बाद बाघिन चली गई थी और अपने बच्चें के साथ दो दिन बाद वापस आई थी.
वन विभाग ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि उप वन संरक्षक (डीसीएफ) और सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) “जहाँ बाघ मृत पाए गए, वहाँ से मात्र 800 मीटर की दूरी पर शिकार विरोधी शिविर होने के बावजूद वन्यजीवों की रक्षा करने में विफल रहे.”
अधिकारियों ने पिछले तीन महीनों से फ्रंटलाइन आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन और भत्ता जारी नहीं किया. इसके कारण गश्ती कार्य में बाधा आई.
इसके कारण प्रथम दृष्टया, अधिकारियों को गंभीर ख़ामियों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. इसके ख़िलाफ़ जांच के आदेश जारी किए गए हैं.
इसके अलावा उप-क्षेत्रीय वन अधिकारी सह सर्वेक्षक और गश्ती कर्मियों के ख़िलाफ़ चामराजनगर जिले के मुख्य वन संरक्षक अलग से कार्रवाई करेंगे.