सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि चीन पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संभावित गठजोड़ से भारत की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब परमाणु ब्लैकमेलिंग से नहीं डरता क्योंकि परमाणु हथियार भय पैदा करने के लिए होते हैं लड़ाई के लिए नहीं। जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर का भी उल्लेख किया और चीन-पाकिस्तान की साजिश पर प्रकाश डाला।
पीटीआई, नई दिल्ली। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच हितों के संभावित गठजोड़ से भारत की स्थिरता और सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अब परमाणु ब्लैकमेलिंग से नहीं डरता।
उन्होंने कहा कि असल में परमाणु हथियार लड़ाई के लिए नहीं, वरना भय पैदा करने के लिए होते हैं। लेकिन भारत अब इस तरह की रणनीतियों से प्रभावित होने वाला है नहीं। उन्होंने पिछले दिनों चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह दो परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्रों के बीच टकराव का एकमात्र उदाहरण है।
पाकिस्तान के पास 80 फीसदी तक चीन के हथियार
एक थिंकटैंक के कार्यक्रम में सीडीएस ने चीन-पाकिस्तान की साजिश का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने पिछले पांच साल में लगभग 70 से 80 प्रतिशत अपने हथियार और उपकरण चीन से हासिल किए हैं। पाकिस्तान और चीन के बीच रणनीतिक मित्रता पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संभावित हितों का गठजोड़ है जो भारत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जनरल चौहान ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है। उसके लिए आंतरिक और सामाजिक सुरक्षा बेहद जरूरी है। भारत को पुराने और नए प्रकार के युद्ध के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच पूरी तरह से समन्वय था।