Kolkata Case कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की विवादास्पद टिप्पणिया जारी हैं। मंत्री मानस रंजन भुइयां ने इस घटना को छोटी घटना बताया जिससे विवाद बढ़ गया। भाजपा ने इसकी कड़ी आलोचना की है। भुइयां ने सफाई दी कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
‘परिवार में होती रहती हैं छोटी घटनाएं’
भुइयां ने आगे कहा कि मैं आप सभी से आग्रह करना चाहता हूं कि अपने आप को कम मत आंकिए, आप सभी ममता बनर्जी के सिपाही हैं। हां, घटनाएं होती हैं, यहां तक कि अपने ही परिवार में। कहीं पति ने पत्नी को मार दिया, पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर पति को चट्टान से धक्का दे दिया…ये समाज के संकट हैं। हमारी मुख्यमंत्री हर घटना को एक मां की तरह संभालती हैं। मैं अपने फेडरेशन के लड़कों और लड़कियों से अपील करता हूं कि वे उनके साथ खड़े रहें।
‘तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा मेरा बयान’
उन्होंने कहा मैं मीडिया का सम्मान करता हूं। संविधान का चौथा स्तंभ मीडिया है। लेकिन जिस तरह तोड़-मरोड़ कर मेरे बयान को पेश किया जा रहा वह बहुत दुखद है। संविधान ने मुझे अपने आत्मसम्मान की रक्षा करने का अधिकार भी दिया है। अगर जरूरत पड़ी तो मैं कानूनी कार्रवाई भी करूंगा।
ममता बनर्जी की चुप्पी से ऐसे नेताओं को मिल रही ताकत: भाजपा
सबसे पहले, तृणमूल के विधायक व पूर्व मंत्री मदन मित्रा ने पीड़िता के साथ हुई घटना के लिए उसके भाग्य को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद सांसद कल्याण बनर्जी ने इस घटना को महत्वहीन बताते हुए बेतुकी टिप्पणी की और कहा कि अगर एक दोस्त अपने दोस्त के साथ दुष्कर्म करता है तो क्या किया जा सकता है?
बीजेपी ने ममता सरकार के मंत्री पर साधा निशाना
मालवीय ने लिखा कि अब, इस भ्रष्ट शासन का एक और चेहरा, राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने इस अत्याचार को एक छोटी घटना बताकर टाल दिया और पार्टी कार्यकर्ताओं से इसे नजरअंदाज करके आगे बढ़ने का आग्रह किया। इस जघन्य अपराध पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी से इन नेताओं को ताकत मिल रही है। एक युवा लड़की को अपनी आकांक्षाओं की कीमत चुकानी पड़ रही है। यह उस पार्टी का लक्षण है जिसने स्त्री-द्वेष को संस्थागत बना दिया है।