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झालावाड स्कूल हादसे से मां पर टूटा दुखों का पहाड़, बेटा-बेटी की गई है जान, सूना हुआ आंगन – jhalawar school tragedy brother-sister on same pyre mothers courtyard deserted 7 children dead

Byadmin

Jul 27, 2025


राजस्थान के झालावाड़ के पीपलोदी गांव में एक दर्दनाक स्कूल हादसे में सात मासूम बच्चों की मौत हो गई, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। जर्जर स्कूल भवन गिरने से हुए इस हादसे में 27 बच्चे घायल भी हुए हैं। हादसे की जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

Rajasthan (181)
झालावाड़: राजस्थान के चेरापूंजी झालावाड़ में पिछले दो दिनों से आंखों से आंसू बहने से बंद नहीं हो रहे। जिले के पीपलोदी गांव में स्कूल हादसे के बाद से पीड़ित परिवारों के आंसू सूख नहीं रहे। शुक्रवार को स्कूल हादसे में मारे गए मासूम बच्चों के शवों का आज शनिवार को अंतिम संस्कार हुआ, तो राखी के पहले घर से निकली सगे भाई-बहन की अर्थी ने पूरे गांव को रुला कर रख दिया। मीना और कान्हा बहन-भाई की मौत के बाद उनकी मां के घर का आंगन हमेशा के लिए सूना पड़ गया। अपने जिगर के टुकड़ों को खोने वाले परिवार गम जदा हैं। पूरे गांव में शोक की लहर है। सरकारी स्कूल की जर्जर बिल्डिंग गिरने से 7 मासूम बच्चों की मौत हो गई। जबकि 27 बच्चों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

एक अर्थी पर सगे भाई-बहन के शव

गांव में आज 6 शवों का अंतिम संस्कार एक साथ किया। परिजन अपने बच्चों को अंतिम विदाई देने के लिए इकट्ठा हुए। गांव की गलियों में रोते-बिलखते परिजनों की आवाजें सुनाई दी। अंतिम यात्रा में ग्रामीणों के साथ पुलिस के जवान भी शामिल हुए। सगे भाई कान्हा और बहन मीना को एक ही अर्थी पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया है।

हादसे की जांच के आदेश

हादसे के बाद से गांव में चूल्हे नहीं जले। परिजन और गांव वाले अभी भी सदमे में हैं। गांव में शोक की लहर है और हर कोई अपने-अपने तरीके से पीड़ित परिवारों की मदद करने की कोशिश कर रहा है।

सरकार ने इस हादसे पर दुख जताया है और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। जिला कलेक्टर ने निर्देश जारी करते हुए मनोहर थाना ब्लॉक के सभी सरकारी स्कूलों में छुट्टी का ऐलान कर दिया है।

स्कूल चिह्नित किया गया होता तो…हादसा नहीं होता

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तो यहां तक कहा है, कि शिक्षा विभाग के अधिकारी प्रदेश के ऐसे स्कूलों को पहले ही चिन्हित कर लेते और बच्चों को अन्यत्र किसी सुरक्षित भवन में शिफ्ट कर देता तो हमारे ये बच्चे काल का ग्रास नहीं बनते। यह घटना दर्दनाक है। हमारे परिवार के 7 स्कूली बच्चों को भगवान ने हमसे छीना है। जबकि हादसे में 27 बच्चे घायल हो गए हैं।

खुशेंद्र तिवारी

लेखक के बारे मेंखुशेंद्र तिवारीनवभारत टाइम्स डिजिटल में राजस्थान के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता की शुरुआत प्रिंट माध्यम से की। राजस्थान पत्रिका जयपुर में शिक्षा , कला , एंटरटेनमेंट और पॉजिटिव खबरों को लेकर काम किया। गुलाबी नगरी (जयपुर) का वासी, राजनीति और कला में विशेष रुचि।और पढ़ें