Indian Railway Unconfirmed Ticket आरटीआई से पता चला है कि भारतीय रेलवे में हर साल करोड़ों यात्रियों को टिकट कंफर्म न होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। पिछले साल 3.27 करोड़ यात्रियों का टिकट कंफर्म नहीं हुआ। यह आंकड़ा पिछले 5 सालों में लगातार बढ़ रहा है जो रेलवे की क्षमता और यात्रियों की मांग के बीच अंतर को दर्शाता है।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक भारतीय रेलवे में हर दिन करोड़ों यात्री सफर करते हैं। खासकर मेल, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट काफी लंबी होती है। वहीं, पिछले साल 3.27 करोड़ लोगों ने ट्रेन का टिकट तो ले लिया, लेकिन यात्रा के दौरान उनका टिकट कन्फर्म नहीं हो सका।
मध्य प्रदेश के नीमच से RTI (Right to Information) कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर ने यह आंकड़े सामने रखे हैं, जो काफी चंताजनक हैं। पिछले 5 साल में बिना कन्फर्म टिकट के यात्रा करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
RTI में खुलासा
RTI के अनुसार, 2024-25 में ट्रेन की टिकट बुक करने वाले 3.27 करोड़ यात्रियों ने फाइनल चार्ट बनने के बाद पाया कि उनका टिकट कन्फर्म नहीं हुआ है। इससे पता चलता है कि ट्रेन की सीटों और यात्रियों की संख्या में एक बड़ा अंतर है।
लगातार बढ़ रही है संख्या
आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में लगभग 3 करोड़ लोग टिकट कन्फर्म न होने की वजह से यात्रा नहीं पाए थे। वहीं, 2022-23 में यह आंकड़ा 2.72 करोड़ और 2021 में 1.65 करोड़ था। जाहिर है, ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट दिन-ब-दिन लंबी होती जा रही है।
साल | कंफर्म टिकट न पाने वाले यात्रियों की संख्या |
2024-25 | 3.27 करोड़ रुपये |
2023-24 | 2.96 करोड़ रुपये |
2022-23 | 2.72 करोड़ रुपये |
2021-22 | 1.65 करोड़ रुपये |
यात्रियों की मांग पूरी करने में विफल रहा रेलवे
RTI के आंकड़े दर्शाते हैं कि ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ट्रेनों की संख्या सीमित होने की वजह से उन्हें कन्फर्म टिकट नहीं मिल पाता है। भारतीय रेलवे आधुनिकता के साथ-साथ तेजी से तरक्की कर रहा है, लेकिन यात्रियों की मांग पूरी करने में रेलवे अभी भी काफी पीछे है।
रेलवे के नियमों में बदलाव
पिछले कुछ समय में रेलवे ने बेहतरी की तरफ बढने के कई प्रयास किए हैं। हाल ही में IRCTC ने 2.5 करोड़ यूजर आईडी को बंद कर दिया था। वहीं, पहले अब ट्रेनों के चार्ट 24 घंटे पहले बनाए जाते हैं, जिससे यात्रियों को पता चल सके कि उनकी टिकट कंफर्म हुई है या नहीं, पहले यह समय महज 4 घंटे का था।