ट्रंप प्रशासन के टैरिफ फैसलों से अनिश्चितता है। अमेरिका ने बांग्लादेशी वस्तुओं पर 35% शुल्क लगाया है जिससे भारतीय गारमेंट निर्यातकों को उम्मीद है। माना जा रहा है कि कम टैरिफ पर भारत से बात बनने से बांग्लादेश के गारमेंट निर्यात को झटका लगेगा और भारत को फायदा होगा। गारमेंट कंपनियों के शेयर में तेजी आई है क्योंकि बांग्लादेश के निर्यात में कमी से भारत को फायदा हो सकता है।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। Trump Tariff News: ट्रंप प्रशासन की ओर से जिस तरह टैरिफ पर फैसला लिया जा रहा है, उससे चारों तरफ अनिश्चितता का माहौल है। हालांकि, सोमवार देर रात अमेरिका ने बांग्लादेश की वस्तुओं पर जिस तरह 35 प्रतिशत शुल्क लगाने का एलान कर दिया, उससे भारतीय गारमेंट निर्यातकों को आस जगी है।
माना जा रहा है कि भारत के साथ कम टैरिफ पर बात बनने से अमेरिका के बाजार में बांग्लादेश के गारमेंट निर्यात को झटका लगेगा और भारत को फायदा मिलेगा। यही वजह है कि मंगलवार को गारमेंट निर्यात करने वाली भारतीय कंपनियों के शेयर भाव में तेजी देखी गई।
बांग्लादेश को ट्रंप ने कैसे दिया झटका?
आलोक इंडस्ट्रीज, ट्राइडेंट, रेमंड लाइफस्टाइल, गोकलदास एक्सपोर्ट, केपीआर मिल्स जैसी कंपनियों के शेयर भाव में 3.5 प्रतिशत से 9.5 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। अमेरिका के बाजार में बांग्लादेश सालाना 8.5 अरब डॉलर के गारमेंट का निर्यात करता है और अब बांग्लादेश के गारमेंट पर अधिक शुल्क होने से इस निर्यात में कमी आएगी।
भारत को हो सकता है बड़ा फायदा
बांग्लादेश के कुल निर्यात में गारमेंट की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत की है और बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में गारमेंट निर्यात की अहम भूमिका है। भारतीय निर्यातकों का कहना है कि बांग्लादेश को मिलने वाले ऑर्डर अब भारत की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं। क्योंकि भारतीय वस्तुओं पर अभी अमेरिका के बाजार में 10 प्रतिशत का शुल्क लगता है। भविष्य में भी इसमें बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी की उम्मीद नहीं है।
अमेरिका के गारमेंट बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धा मुख्य रूप से चीन, बांग्लादेश के साथ वियतनाम, कंबोडिया जैसे देशों से भी हैं। चीन पर 30 प्रतिशत का शुल्क है तो वियतनाम पर दो दिन पहले ही अमेरिका ने 20 प्रतिशत का शुल्क लगाया है। कंबोडिया और थाइलैंड पर सोमवार रात अमेरिका ने 36 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया है।
अंतरिम व्यापार समझौते से होगा फायदा
अमेरिका सालाना 120 अरब डालर के गारमेंट का आयात करता है। इनमें से 30 अरब डालर की हिस्सेदारी चीन की है जबकि भारत अमेरिका में सालाना 10 अरब डालर के गारमेंट का निर्यात करता है। चीन पर अमेरिका की तरफ से अधिक शुल्क लगने के बाद अमेरिका के बाजार में भारत का गारमेंट निर्यात लगातार बढ़ रहा है और चालू वित्त वर्ष में भी गारमेंट निर्यात में हर महीने बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
गारमेंट को रोजगारपरक सेक्टर माना जाता है, इसलिए इसके निर्यात में बढ़ोतरी से रोजगार में भी इजाफा होगा। हालांकि गारमेंट निर्यातकों का कहना है कि फिलहाल जो शुल्क दर है, उस हिसाब से अमेरिका में भारतीय गारमेंट निर्यात में बढ़ोतरी होती दिख रही है।