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देश में बनेंगे 200 से अधिक डे-केयर कैंसर सेंटर, एक की लागत 1.5 करोड़; जानिए सरकार का प्लान

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Jul 26, 2025


केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 तक देशभर में 200 से अधिक डे-केयर कैंसर सेंटर स्थापित करने की मंजूरी दी गई है जिनमें आंध्र प्रदेश में 14 सेंटर शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड टीकाकरण का दिल के दौरे के जोखिम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देशभर में 200 से अधिक डे-केयर कैंसर सेंटर (डीसीसीसी) स्थापित करने को मंजूरी दी गई है। इनमें आंध्र प्रदेश में 14 सेंटर शामिल हैं।

राज्यमंत्री ने एक लिखित उत्तर में बताया कि ज्यादा मरीजों वाले जिलों को प्राथमिकता दी गई है। राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने इस संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे और संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने एवं दोहराव से बचने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम समन्वय समिति (एनपीसीसी) ने उन्हें अंतिम रूप दिया।

जिला अस्पतालों में होगी स्थापना

जिला अस्पतालों में स्थान और लॉजिस्टिक्स की उपलब्धता के अनुसार इन सेंटरों की स्थापना की जाएगी। हालांकि व्यवहार्यता और राज्य के प्रस्तावों के आधार पर अन्य सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर भी इन सेंटरों की स्थापना की जा सकती है। एक सेंटर की स्थापना पर लगभग 1.49 करोड़ रुपये तक की लागत आ सकती है।

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि कोविड टीकाकरण का दिल के दौरे के जोखिम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। आईसीएमआर के एक अध्ययन में पाया गया है कि कोविड टीकाकरण से युवा वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों का जोखिम नहीं बढ़ा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दिल के दौरे के मामलों से संबंधित डाटा केंद्रीय स्तर पर नहीं रखा जाता।

सर्वाइकल कैंसर की जांच के वर्तमान अनुपात में सुधार

  • दिल के दौरे के मामले सूचना योग्य नहीं होते, लिहाजा इनके लिए कोई केंद्रीय रजिस्ट्री नहीं है। राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव ने एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में बताया कि इस वर्ष 20 जुलाई तक 30 वर्ष और उससे अधिक आयु की 25.42 करोड़ पात्र महिलाओं में से 10.18 करोड़ की सर्वाइकल कैंसर की जांच की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि देश में सर्वाइकल कैंसर की जांच के वर्तमान अनुपात में सुधार के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह जांच प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा पांच वर्ष में एक बार की जाती है। पॉजिटिव मामलों को आगे के निदान के लिए उच्चतर स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा जाता है।
  • स्वास्थ्य राज्यमंत्री जाधव ने एक सवाल के जवाब में बताया कि अधिकारियों ने इस वित्तीय वर्ष में जून तक गुटखा, सिगरेट और पान मसाला जैसे तंबाकू उत्पादों का कारोबार करने वाली कंपनियों द्वारा 104.38 करोड़ रुपये की कर चोरी के 61 मामले पकड़े हैं। ऐसी कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जाधव ने कहा कि डीजीजीआई और सीजीएसटी अधिकारियों को पंजीकृत करदाताओं के अनुपालन के स्तर को बढ़ाने व सत्यापित करने और अपंजीकृत संस्थाओं की पहचान करने को कहा गया है ताकि उन्हें कर दायरे में लाया जा सके।

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