मध्य प्रदेश में श्योपुर की जिला अदालत ने 32 लाख रुपये की एफडी हड़पने के लिए मां की हत्या कर शव बाथरूम में दफनाने वाले 27 वर्षीय दत्तक पुत्र को फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अपर सत्र न्यायाधीश एलडी सोलंकी ने सजा सुनाते हुए श्रीरामचरितमानस सहित चार प्रमुख धर्मग्रंथों का उद्धरण देकर मां का महत्व भी बताया।
जेएनएन, श्योपुर। मध्य प्रदेश में श्योपुर की जिला अदालत ने 32 लाख रुपये की एफडी हड़पने के लिए मां की हत्या कर शव बाथरूम में दफनाने वाले 27 वर्षीय दत्तक पुत्र को फांसी की सजा सुनाई है।
32 लाख की एफडी हड़पने के लिए कर डाली मां की हत्या
अपर सत्र न्यायाधीश एलडी सोलंकी ने सजा सुनाते हुए श्रीरामचरितमानस सहित चार प्रमुख धर्मग्रंथों का उद्धरण देकर मां का महत्व भी बताया। लोक अभियोजक राजेंद्र जाधव के अनुसार वारदात आठ मई 2024 की है।
श्योपुर स्थित रेलवे कालोनी निवासी दीपक पचौरी ने मां ऊषा देवी को सीढि़यों से धक्का दिया, उन पर राड से वार किया और साड़ी से गला घोंटकर हत्या कर दी। शव को उसने घर के बाथरूम में गड्ढा खोदकर दफना दिया और सीमेंट से गड्ढे को बंद भी कर दिया।
मां के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई
इसके बाद वह कोतवाली थाना पहुंचा और मां के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। पड़ताल में संदेह होने पर पुलिस ने दीपक से सख्ती से पूछताछ की तो हत्या की बात सामने आई। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने ऊषा देवी का शव बाथरूम से गड्ढा खोदकर बरामद कर लिया।
दरअसल, ऊषा देवी और उनके पति भुवनेश पचौरी ने बुढ़ापे का सहारा बनाने के लिए 2004 में ग्वालियर के अनाथ आश्रम से दीपक को गोद लिया था। तब वह लगभग छह साल का था।
शेयर बाजार में खर्च कर दी आधी एफडी
दोनों ने उसे पढ़ाया-लिखाया और परवरिश की, लेकिन 2021 में भुवनेश पचौरी की मौत होने के बाद दीपक बुरी संगत में पड़ गया और अपने नाम की गई 16 लाख की एफडी तोड़कर राशि गलत शौक व शेयर बाजार में खर्च कर दी।
ऊषा देवी के नाम से बैंक में 32 लाख रुपये की एफडी थी, जिसमें दीपक ही नामिनी था। जांच में सामने आया कि इस रकम को हासिल करने के लिए ही उसने मां को मार डाला।