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‘नेपाल से इतना डर क्यों? बिहार को हर साल करता है तबाह’, पप्पू यादव ने नीतीश और केंद्र पर साधा निशाना – pappu yadav criticized both central and nitish government for bihar floods caused by heavy rains in nepal

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Oct 1, 2024


पूर्णिया: पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने बिहार में आई बाढ़ के लिए केंद्र सरकार और बिहार सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि नेपाल से इतना डर क्यों है? नेपाल से बात क्यों नहीं होती? हर साल नेपाल बिहार को तबाह क्यों करता है? उन्होंने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए सरकारों ने क्या किया है? पप्पू यादव ने कहा कि नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण बिहार में बाढ़ से तबाही मची हुई है। बाढ़ से बिहार के कई जिले जलमग्न हो गए हैं। कुछ बाढ़ की चपेट में आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल से आने वाले पानी को लेकर केंद्र सरकार और बिहार सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए।

बांध टूटने के लिए इंजीनियर जिम्मेदार, कार्रवाई करें: पप्पू यादव

पप्पू यादव ने कोसी और गंडक नदी पर बने बांध के टूटने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बांध टूटने के लिए इंजीनियर जिम्मेदार हैं। उनकी पहचान कर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में यह आम बात हो गई है। पप्पू यादव ने कहा कि 40 सालों से बिहार में जिन-जिन की सरकार रही है, उन्होंने बाढ़ के लिए क्या किया है? उन्होंने सवाल किया कि कब तक कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल के लोगों को परेशान किया जाएगा?

बाढ़ को लेकर पप्पू यादव ने नीतीश-तेजस्वी पर साधा निशाना

पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने बिहार में आई बाढ़ की तबाही के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पूरा बिहार जल त्रासदी के संकट से जूझ रहा है और सत्ता पक्ष दिल्ली में है तो विपक्ष विदेश में घूम रहा है। उन्होंने तेजस्वी यादव पर इशारो में निशाना साधते हुए कहा, ‘बिहार में कुछ लोग ऐसे हैं जो जीवन में कभी पानी में नहीं उतरे और न ही उनके पुरखे कभी पानी में उतरे, लेकिन बाढ़ का राग अलाप रहे हैं।’

बाढ़ में लोग भूरे मर रहे: पप्पू यादव

पप्पू यादव ने कहा कि लोग भूखे मर रहे हैं। जानवरों के लिए चारे की व्यवस्था नहीं है। अस्पताल में सांप काटने की दवा नहीं है और सरकार कह रही है कि बाढ़ से निपटने के लिए उनके पास सारे इंतजाम हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक एक भी कम्युनिटी किचन शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि गांव के गांव भूखे हैं। पानी के लिए तरस गए हैं। तो दूसरी तरफ एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम के पास नाव चलाने के लिए तेल नहीं है। लोग किसी तरह 300 से 400 रुपये खर्च कर भाड़े की नाव से बाहर निकल रहे हैं।

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