इमेज स्रोत, Social Media
-
- Author, मोहम्मद काज़िम
- पदनाम, बीबीसी उर्दू
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ‘इज़्ज़त’ के नाम पर एक पुरुष और महिला की हत्या के आरोप में एक क़बीले के सरदार समेत दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. बीते दिनों इस हत्या का वीडियो सामने आया था.
इसके बाद पाकिस्तान में कई लोगों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है.
इन्वेस्टिगेशन विंग के एसएसपी सैयद सबूर आग़ा ने बीबीसी उर्दू को बताया, “हमने 11 संदिग्धों को हिरासत में लिया था. इनसे पूछताछ जारी है.”
पुलिस के अनुसार, यह घटना बकरीद से तीन दिन पहले की है और उसका वीडियो घटना के 35 दिन बाद वायरल हुआ जिसके बाद शीर्ष अधिकारियों ने इसकी जांच का आदेश दिया था.
पाकिस्तान के विभिन्न इलाक़ों में स्थानीय जिरगे (क़बीलों की पंचायत) और सरदार शारीरिक संबंधों के आरोप तय कर औरतों और मर्दों की हत्या करने का फ़ैसला करते हैं, जिसे ‘स्याहकारी’ और ‘कारोकारी’ कहा जाता है.
क्या है पूरा मामला
इमेज स्रोत, FAYYAZ AHMED/EPA-EFE/REX/Shutterstock
रविवार से वायरल वीडियो में दिखता है कि कुछ हथियारबंद लोग एक पुरुष और एक महिला पर गोलियां चला रहे हैं. अधिकारियों ने इस वीडियो की पुष्टि की है.
सोशल मीडिया यूज़र्स ने अधिकारियों से इस घटना पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की थी.
क्वेटा की पुलिस अधिकारी डॉक्टर आयशा फ़ैज़ ने बीबीसी को बताया कि जो लोग मारे गए हैं उनके शव क़ब्र से निकाल कर उनका पोस्टमॉर्टम किया गया है.
उन्होंने बताया कि मारी गई महिला को 7 गोलियां लगीं जिनमें से एक उनके सिर पर मारी गई थी जबकि मर्द को नौ गोलियां लगी थीं और ये गोलियां उनके सीने और पेट में लगी थीं.
उन्होंने बताया कि यह घटना 4 जून 2025 को घटी थी और महिला की उम्र लगभग 35 साल है.
दूसरी तरफ़ बलूचिस्तान हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस ने घटना का संज्ञान लेते हुए एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी (होम) और आईजी पुलिस को तलब किया है.
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने क्या कहा
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफ़राज़ बुगती ने सोमवार को क्वेटा में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में दावा किया कि “यह नवविवाहित जोड़ा नहीं था, जैसा सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दावा किया है, उनके बीच पति-पत्नी का कोई रिश्ता नहीं था.”
उन्होंने कहा, “जो औरत मारी गई है, उसके पांच बच्चे हैं और जो मर्द मारा गया है उसकी उम्र 50 साल के क़रीब है और उसके भी चार-पांच बच्चे हैं.”
एफ़आईआर के अनुसार, यह घटना क्वेटा के थाना हन्ना से 40 से 45 किलोमीटर दूर हुई है. पुलिस ने इस मामले में 15 लोगों को नामज़द किया है.
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं मारे जाने वालों पर कोई आरोप लगाना नहीं चाहूंगा लेकिन सच्चाई भी लोगों को मालूम होनी चाहिए… यह हत्या है, अपराध है. चाहे कुछ भी किसी ने किया हो, किसी को यह अधिकार नहीं. इस बेदर्दी के साथ इस घिनौने अंदाज़ में वीडियो बनाकर किसी इंसान का क़त्ल करने की ना कोई सरकार, ना कोई समाज इजाज़त दे सकता है.”
उन्होंने बताया कि इस हत्या का आदेश देने वाले क़बाइली सरदार को भी गिरफ़्तार किया गया है.
यह मामला सातकज़ई क़बीले से जुड़ा हुआ है. इस क़बीले के प्रमुख सरदार शेरबाज़ ख़ान सातकज़ई ने गिरफ़्तारी से पहले बीबीसी से फ़ोन पर बात करते हुए इस आरोप को ग़लत बताया था.
उनका कहना था कि उनकी देख-रेख में कोई जिरगा आयोजित नहीं हुआ, “गांव के स्तर पर ही लोगों ने दोनों को मारने का फ़ैसला किया.”
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने बताया कि उस इलाक़े के स्पेशल ब्रांच के डीएसपी को सस्पेंड कर दिया गया है क्योंकि उन्होंने इस घटना की जानकारी सरकार को नहीं दी.
उन्होंने कहा कि इस केस में कोई भी शख़्स मुद्दई बनने को तैयार नहीं और “आप इस हद तक इस समाज की गिरावट को देखें कि जब पुलिस छापे मारने जा रही थी तो महिलाएं उन पर पथराव कर रही थीं.”
‘मानवता को शर्मशार करने वाली घटना’
इमेज स्रोत, Getty Images
इस वीडियो में सभी लोग बराहवी भाषा में बात कर रहे हैं और उनका अंदाज़ वही है जो क्वेटा और मस्तोंग के इलाक़ों के लोगों का होता है.
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ और दूसरी जगहों पर इस वीडियो को दर्जनों लोगों ने शेयर किया है और उसे लाखों बार देखा जा चुका है.
ऐसा लगता है कि वीडियो किसी पहाड़ी जगह पर बनाया गया है जहां कच्ची सड़क के आसपास आबादी नहीं है. शुरू में कुछ गाड़ियां देखी जा सकती हैं जिनके बाहर कई लोग मौजूद हैं.
इस वीडियो में दिख रही महिला लाल लिबास में है और उसकी चादर का रंग गेहुंआ है. कुछ लोग उसे गाड़ियों से कुछ दूर खड़े होने को कहते हैं. इस दौरान महिला बराहवी भाषा में कहती है, “केवल गोली की इजाज़त है, इसके अलावा कुछ नहीं.”
इस पर वहां मौजूद मर्द यह कहते हैं कि ‘हां, केवल गोली मारने की इजाज़त है.’
इस बातचीत के बाद वीडियो में कुछ देर के लिए ख़ामोशी छा जाती है और फिर एक-एक करके कुछ गोलियां चलाई जाती हैं.
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि वीडियो में दिखाई गई बर्बरता मानवता को शर्मसार करने वाली है. उन्होंने कहा कि किसी को क़ानून हाथ में लेने की इजाज़त नहीं दी जा सकती.
दुर्गम इलाक़ा
इमेज स्रोत, Getty Images
डगारी क्वेटा से लगभग 45 किलोमीटर दूर पूर्व में है, यहीं यह घटना घटी.
इन इलाक़ों में बलोचों के सातकज़ई और समालाई क़बीले के अलावा दूसरे बलोच क़बीलों से संबंध रखने वाले लोग रहते हैं.
इन इलाक़ों में बड़ी संख्या में कोयले की खदानें हैं. स्थानीय क़बीलों से संबंध रखने वाले लोग रोज़गार के लिए भेड़-बकरियां चराने का काम करते हैं.
इन इलाक़ों में पहुंचना बहुत मुश्किल है और यहां अवैध घोषित चरमपंथी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी की गतिविधियां बहुत अधिक हैं.
पुलिस के अनुसार, “मारी गई महिला और पुरुष को सरदार के पास फ़ैसले के लिए ले जाया गया था.”
एफ़आईआर के अनुसार जिन लोगों को मारा गया, उन्हें तीन गाड़ियों में 15 लोग घटनास्थल पर लेकर पहुंचे थे.
सरदार ने फ़ैसले में कहा था कि उन्होंने “कारोकारी का जुर्म किया है.”
एफ़आईआर में कहा गया है कि लोगों ने वीडियो भी बनाया और घटना के 35 दिन बाद उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर लोगों में डर फैलाने की कोशिश करने के आरोप में हत्या की धारा 302 और आतंकवाद विरोधी एक्ट की धारा 7 एटीए समेत दूसरी धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने इससे पहले एक बयान में कहा था कि ऐसी क्रूर हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और मुजरिमों को क़ानून के कठघरे में लाया जाएगा.
क्वेटा के डिप्टी कमिश्नर मेजर (रिटायर्ड) मेहरुल्लाह बादीनी ने बीबीसी उर्दू से बताया कि सरकार ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है और इस घटना की विभिन्न पहलुओं से पड़ताल की जा रही है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित