ग्रेटर नोएडा में बीडीएस छात्रा की आत्महत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने के बाद शारदा यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने तत्परता दिखाते हुए डेंटल विभाग के डीन, एचओडी और एक अन्य स्टाफ सदस्य को निलंबित कर दिया है।

वहीं, पुलिस अब तक स्टूडेंट्स, वॉर्डन, प्रफेसर समेत 22 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। जांच में सामने आया है कि यूनिवर्सिटी की ओर से पुलिस को डेढ़ घंटे बाद घटना की सूचना दी गई जबकि इससे पहले घरवालों ने सूचना दे दी थी। अब पुलिस उन सभी लोगों से पूछताछ करेगी, जो चादर में लपेटकर डेडबॉडी ले गए थे। उनसे यह पूछा जाएगा कि किसके कहने पर ऐसा किया।
बीडीएस सेकंड ईयर की छात्रा ज्योति की खुदकुशी के बाद एहतियात के तौर पर यूनिवर्सिटी परिसर और आसपास भारी पुलिस बल तैनात है। घटना को लेकर छात्रों में भारी गुस्सा है। मामले में पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर दो प्रफेसरों को अरेस्ट किया था। इन दोनों को यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने भी घटना के अगले दिन सस्पेंड कर दिया था।
यूनिवर्सिटी में टीम बनी
घटना के बाद स्टूडेंट्स की शिकायतों और उनको डिप्रेशन से बचाने के लिए फैकल्टी और डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई है। यह स्टूडेंट्स पर नजर रखेगी और उनकी छोटी से छोटी शिकायतों को गंभीरता से लेगी। साथ ही हॉस्टल की वॉर्डन को छात्रों के साथ व्यवहार में बदलाव करने को कहा गया है। कुलपति ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि टीम छात्रों की मेडिकल हिस्ट्री की भी जांच करेगी।
छात्रा की डायरी खोल सकती है कई राज
ज्योति के पिता रमेश जांगड़ा ने बताया कि उनकी बेटी को डायरी लिखने का शौक था। उसके कमरे से कई डायरी पुलिस ने बरामद की है। उसकी डायरी कई राज खोल सकती है। वहीं, पुलिस छात्रा के कमरे से मिले मोबाइल, लैपटॉप और अन्य डिजिटल डिवाइसेज की फरेंसिक जांच करवा रही है। साथ ही उसकी कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) को भी खंगाला जा रहा है, ताकि आत्महत्या के पीछे के कारणों की गहराई से पड़ताल की जा सके। उनके अनुसार, ज्योति की एक क्लासमेट ने बताया कि इस आरोप के बाद वह काफी तनाव में थी। उसे क्लास में कहा गया था कि ‘दोबारा अपना चेहरा मत दिखाना’।