महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक ऑटो ड्राइवर को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि उसने कहा था कि वह हिंदी में बात करेगा। शिवसेना (उद्धव गुट) और एमएनएस कार्यकर्ताओं ने ड्राइवर को घेरकर थप्पड़ मारे। शिवसेना नेता ने कहा कि मराठी अस्मिता का अपमान करने पर शिवसेना वाले जवाब देना जानते हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार इलाके में हिन्दी बोलने वाले एक ऑटो ड्राइवर के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की। इस घटना के पीछे की वजह सिर्फ यह थी कि ऑटो चालक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में कहा था- “मैं हिन्दी बोलूंगा”।
शख्स का वीडियो वायरल होने के बाद शिवसेना (उद्धव गुट) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने मिलकर उसके साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया।
सोशल मीडिया पर वीडिया हुआ वायरल
दरअसल, कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति भावेश पडोलिया और एक ऑटो रिक्शा चालक के बीच बहस हो गई थी। जब भावेश ने ऑटो चालक से पूछा कि वह मराठी में बात क्यों नहीं कर रहा है, तो चालक ने कहा, “मैं हिन्दी बोलूंगा, भोजपुरी बोलूंगा, मराठी नहीं।”
इस वीडियो के वायरल होने के बाद शनिवार को शिवसेना (UBT) और मनसे के कुछ कार्यकर्ताओं ने विरार स्टेशन पर उस ड्राइवर को पहचानकर घेर लिया और सबके सामने उस पर थप्पड़ बरसाए। इस घटना में महिलाएं भी शामिल थीं।
शिवसेना नेता का बयान
घटना के वक्त शिवसेना (UBT) के विरार शहर प्रमुख उदय जाधव भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने मीडिया से कहा, “अगर कोई महाराष्ट्र, मराठी भाषा या मराठी मानुष का अपमान करेगा तो उसे शिवसेना वाले जवाब देना जानते हैं।”
उन्होंने कहा कि इस ड्राइवर ने मराठी अस्मिता का अपमान किया है इसलिए हमने उसे सिखाया कि महाराष्ट्र में रहकर ऐसी बातें नहीं चलेंगी। उसे माफी मांगनी ही पड़ी।
इस मामले को लेकर पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की है। पालघर पुलिस का कहना है कि हमें वीडियो मिला है और हम तथ्यों की जांच कर रहे हैं, लेकिन अब तक किसी भी पक्ष ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
भीड़ ने की मारपीट
हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल वीडिया में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से एक व्यक्ति के साथ भीड़ ने मारपीट की और उसे अपमानित किया।
यह पहली बार नहीं है जब महाराष्ट्र में भाषा को लेकर हिंसा हुई है। 1 जुलाई को ठाणे में मनसे कार्यकर्ताओं ने एक स्ट्रीट फूड वेंडर को थप्पड़ मारा था क्योंकि वह मराठी में बात नहीं कर रहा था। उस घटना के बाद व्यापारियों ने विरोध किया था।