Shivpuri News: मध्य प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज के डीन पर आयुष्मान योजना में घोटाला करने का आरोप लगा है। लोकायुक्त ने इस मामले में डीन पर FIR दर्ज की है। शिकायत करने वाले ने बताया कि लाखों रुपए का गबन हुआ है।

रामनिवास शर्मा ने लोकायुक्त को बताया कि डीन और अधीक्षक ने सरकार के नियमों को तोड़ा है। उन्होंने आयुष्मान योजना के प्रोत्साहन राशि को अपने खातों में ट्रांसफर किया, जबकि वे इसके हकदार नहीं थे। चौंकाने वाली बात यह है कि डीन डॉ. परमहंस पर उस समय की राशि हड़पने का आरोप है, जब वे विदिशा में काम कर रहे थे।
लोकायुक्त में की थी शिकायत
शिकायतकर्ता शर्मा ने बताया कि लोकायुक्त कार्यालय भोपाल ने उन्हें एक पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि उनकी शिकायत पर प्रकरण क्रमांक 552/ई/24 दर्ज किया गया है। शर्मा ने बताया कि उन्होंने लोकायुक्त और EOW (आर्थिक अपराध शाखा) में सबूतों के साथ शिकायत दर्ज कराई थी। उनके अलावा कुछ पूर्व डॉक्टरों ने भी शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक और डीन की शिकायतें सरकार से की थीं। जब इस मामले में शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. धर्मदास परमहंस से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया, तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इससे यह पता नहीं चल पाया कि उनका इस बारे में क्या कहना है।
डीन को लेकर जारी है यह आदेश
शिकायतकर्ता ने शिकायत में कहा है कि आयुष्मान योजना के तहत मेडिकल कॉलेजों में इलाज के लिए 60% राशि कॉलेज को मिलती है। यह पैसा कॉलेज के विकास और मरीजों की देखभाल के लिए होता है। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने 15 फरवरी 2024 को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मेडिकल कॉलेज के डीन, अधीक्षक और डायरेक्टर आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी नहीं होंगे। इसका मतलब है कि उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिलनी चाहिए।
डीन ने नियमों का किया उल्लंघन
इसके बावजूद, डीन डॉ. परमहंस, अधीक्षक डॉ. आशुतोष और डायरेक्टर शिल्पा गुप्ता ने 77,556 रुपये की राशि अपने-अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करा ली। शिकायतकर्ता का कहना है कि यह गलत है क्योंकि उन्हें यह राशि नहीं मिलनी चाहिए थी। उन्होंने यह भी कहा कि इन अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन किया है और उन्हें इस मामले में जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।