चेन्नई की जननी पोरकोडी ने सोशल मीडिया पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी के साथ हुई अपनी मुलाकात का अनुभव साझा किया। तनाव में ड्राइव कर रही जननी को एक पुलिसकर्मी ने रोका और उससे उसकी परेशानी का कारण पूछा। पुलिसकर्मी के इस सवाल ने जननी को भावुक कर दिया क्योंकि किसी ने पहली बार उसकी चिंता की थी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जब भी पुलिस का नाम जहन में आता है तो कुछ बुरे, कुछ अच्छे अनुभव दिमाग में आते हैं। ऐसा ही कुछ चेन्नई की महिला के साथ हुआ। जननी पोरकोडी नाम की इस महिला ने अपने इसी तरह के अनुभव को सोशल मीडिया पर शेयर किया कि कैसे ट्रैफिक पुलिसकर्मी से हुई एक छोटी सी मुलाकात ने उसे रुला दिया।
उन्होंने लिंक्डइन पर लिखा, “पिछले हफ्ते, मैं एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी के सामने रो पड़ी। मैं ड्राइविंग कर रही थी और मैं इतनी परेशान और तनाव थी कि इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। एक के बाद एक कई चीजें मुझ पर हावी हो रही थीं- काम, प्रेशर और उम्मीदें। मुझे एक ट्रैफिक पुलिस वाले ने रोका और मुझे पता भी नहीं था कि क्या कारण था?”
ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने उम्मीद से परे पूछा सवाल
हालांकि, इसके बाद जो हुआ उसकी उम्मीद इस महिला ने बिल्कुल नहीं की थी क्योंकि उस पुलिस वाले ने ट्रैफिक नियमों को लेकर नहीं बल्कि ऐसा सवाल किया, जिसने उसे रोने पर मजबूर कर दिया। पुलिसकर्मी के सवाल को याद करते हुए उसने आगे लिखा, “क्या हुआ? आप ठीक तो हैं न?” ये वो सवाल था, जिसकी उम्मीद महिला ने भी नहीं की थी और इसके बाद वो फफक-फफक कर रो पड़ी।
‘किसी ने सही में चिंता जाहिर की’
महिला ने लिखा, “यही वो पल था, जब मेरी आंखों में आंसू आ गए, क्योंकि किसी ने सही में चिंता जाहिर की और इस तरह का सवाल किया। अप्रत्याशित दयालुता के उस भाव ने मुझे उन सभी भावनाओं को बाहर निकाले में मदद की, जिसको मैंने हफ्तों से दबा रखा था। अजीब बात है कि रोने के बाद मुझे बहुत ही हल्कापन महसूस हुआ और उसके बाद मैं ठीक महसूस करने लगी। ज्यादा कंट्रोल में, ज्यादा इंसान।”
जननी ने आगे लिखा, “हम चाहे कितना भी मजबूत बनने की कोशिश करें, हम सब कमजोर हैं। टूट जाना ठीक है। महसूस करना ठीक है और अगर आप किसी को संघर्ष करते हुए देखते हैं तो दयालु शब्द वाकई में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। आइए हम नरमी बरतें, खुद के साथ और एक-दूसरे के साथ।”