Price Hike due to Monsoon: सरसों के तेल और चावल के दाम बढ़ गए हैं। वहीं मॉनसून के कारण सब्जियों की कीमत में भी उछाल आया है। उत्तर भारत में मॉनसून का असर ज्यादा दिखाई दे रहा है।

जानकारी के मुताबिक, इस साल लगभग 111 लाख टन सरसों की फसल होने का अनुमान था, लेकिन अब तक करीब 95 लाख टन ही मार्केट में सप्लाई आई है। तेल के थोक कारोबारी हेमंत गुप्ता बताते हैं कि बीते एक महीने में सरसों के तेल में लगभग 10 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
क्यों महंगा हुआ तेल?
इसके पीछे कई कारण हैं। एक तो जून के महीने में सरसों के तेल की डिमांड बढ़ जाती है। जिसकी वजह से दाम में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा कई किसानों ने अभी फसल को मार्केट में नहीं उतारा है। जिससे इसकी कमी बनी हुई है। जिससे सरसों के तेल के दाम में उछाल आया है।
चावल कारोबारी सचिन शर्मा बताते हैं कि इन दिनों ईरान में चावल की सप्लाई प्रभावित है। लेकिन देश में घरेलू चावल की डिमांड कुछ तेज हुई है। जिससे चावल कारोबारियों को थोड़ी राहत मिली है।
बारिश से महंगी हुई सब्जियां
राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत में बारिश के कारण घर का बजट और बिगड़ गया है। बारिश के चलते सब्जियों के दाम में तेजी आई है। दिल्ली-एनसीआर में टमाटर और हरी सब्जियों की कीमत आसमान पर पहुंच गई है।
टमाटर की कीमत 15 रुपये से बढ़कर 50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। वहीं शिमला मिर्च 80 किलो तक बिक रही है। बैंगन का भाव 80 रुपये प्रति किलो और भिंडी भी 80 रुपये किलो तक पहुंच गई है। हालांकि अलग-अलग मार्केट के अनुसार सब्जियों की कीमत अलग-अलग हो सकती है।
फसल को पहुंचा नुकसान
सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक बारिश के कारण सब्जियों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। इससे सब्जियों के प्रोडक्शन में काफी कमी आई है। यही कारण है सब्जियों की बाजार में आवक काफी कम है और इनके दाम में तेजी आ रही है।