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स्वच्छ सर्वेक्षण में फिर मारी इंदौर ने बाजी, इस बार दिल्ली और नोएडा का भी लिस्ट में नाम; जानिए किन शहरों की सुधरी रैंकिंग

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Jul 18, 2025


जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शहरों की स्वच्छता जांचने के लिए कराए गए स्वच्छ सर्वेक्षण-2024-25 में इंदौर एक बार फिर देश का सबसे स्वच्छ शहर बनकर उभरा है। उसने लगातार आठवीं बार यह खिताब जीता है। स्वच्छ सुपर लीग में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की श्रेणी में इंदौर के बाद दूसरे नंबर पर सूरत और तीसरे नंबर पर नवी मुंबई ने जगह बनाई है।

वहीं, स्वच्छ सुपर लीग में छोटे शहरों में नई दिल्ली और नोएडा जैसे शहरों ने शीर्ष पर जगह बनाई है। शहरी स्वच्छता को लेकर छिड़े इस आंदोलन में अहमदाबाद, भोपाल व लखनऊ जैसे शहर भी नए स्वच्छ शहरों के रूप में उभरकर सामने आए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में शीर्ष पर जगह बनाने वाले इन शहरों को पुरस्कृत किया।

अलग-अलग श्रेणियों में अवॉर्ड

स्वच्छ सुपर लीग में पांच श्रेणियों में कुल 23 शहरों को, प्रेसीडेंशियल अवॉर्डी की श्रेणी में कुल 15 शहरों को, मिनिस्ट्रियल अवॉर्डी की श्रेणी में छह शहरों और मिनिस्ट्रियल अवॉर्डी में तेजी से सुधर रहे शहरों में 34 शहरों को पुरस्कृत किया गया। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में सबसे अधिक महाराष्ट्र के 10 दस शहरों ने जगह बनाई है, जबकि मध्य प्रदेश के आठ, छत्तीसगढ़ के आठ, उत्तर प्रदेश के पांच और गुजरात के चार शहरों ने जगह बनाई है।

आठ वर्ष पहले इस मुहिम से सिर्फ 73 शहर जुड़े थे, जबकि 2024-25 के स्वच्छ सर्वेक्षण अभियान में अब 45 सौ से अधिक छोटे और बड़े शहर जुड़ चुके हैं। पहली बार इन पुरस्कारों को शहरों की आबादी के हिसाब से पांच श्रेणियों में दिया गया है। इससे अब स्वच्छता को लेकर छोटे शहरों के बीच भी प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। इस दौरान उत्तर प्रदेश के प्रयागराज को सर्वश्रेष्ठ गंगा शहर का पुरस्कार प्रदान किया गया, जबकि सिकंदराबाद को सर्वश्रेष्ठ छावनी बोर्ड पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इसके साथ ही ग्रेटर विशाखापत्तनम, विशाखापत्तनम, जबलपुर और गोरखपुर को सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा और गरिमा प्रदान करने के लिए सर्वश्रेष्ठ सफाई मित्र सुरक्षित पुरस्कार दिया गया। स्वच्छ सर्वेक्षण का इस बार का अभियान कचरे को रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल पर केंद्रित था। तीन हजार से ज्यादा मूल्यांकनकर्ताओं ने 45 दिनों तक देश के हर वार्ड में गहन निरीक्षण किया। इस दौरान 11 लाख से ज्यादा घरों का मूल्यांकन किया गया। इसमें कुल 14 करोड़ नागरिकों की राय ली गई।

सुपर स्वच्छ लीग ये शहर बने विजेता

दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में :- इंदौर, सूरत, नवी मुंबई, विजयवाड़ा।

तीन से दस लाख की आबादी वाले शहरों में :- नोएडा, चंडीगढ़, मैसूरु, उज्जैन, गांधीनगर, गुंटूर।

50 हजार से तीन लाख तक आबादी वाले शहरों में :- नई दिल्ली (एनडीएमसी), तिरुपति, अंबिकापुर (छत्तीसगढ़), लोनावाला (महाराष्ट्र)।

20 हजार से 50 हजार की आबादी वाले शहरों में :- विटा, सासवड़, देवलाली पर्वत (तीनों महाराष्ट्र के), डूंगरपुर (राजस्थान)।

20 हजार से कम आबादी वाले शहरों में :- पंचगनी (महाराष्ट्र), पाटन (छत्तीसगढ़), पन्हाला (महाराष्ट्र), विश्रामपुर (छत्तीसगढ़), बुधनी (मध्य प्रदेश)।

प्रेसीडेंशियल अवॉर्डी के विजेता शहर

दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में :- अहमदाबाद, भोपाल, लखनऊ।

तीन से दस लाख आबादी वाले शहरों में :- मीरा-भायंदर (महाराष्ट्र), बिलासपुर, जमशेदपुर।

50 हजार से तीन लाख की आबादी वाले शहरों में :- देवास (मध्य प्रदेश), करहड़ (महाराष्ट्र), करनाल (हरियाणा)।

20 से 50 हजार आबादी वाले शहरों में :- पणजी, अस्का (ओडिशा), कुम्हारी (छत्तीसगढ़)।

20 हजार से कम आबादी वाले शहरों में :- बिल्हा (छत्तीसगढ़), चिकिति (ओडिशा), शाहगंज (मध्य प्रदेश)।

मिनिस्ट्रियल अवॉर्डी वाले शहर:- विशाखापत्तनम, जबलपुर, गोरखपुर, सिकंदराबाद कैंट, प्रयागराज।

मिनिस्ट्रियल अवॉर्डी : तेजी से स्वच्छ हो रहे शहर :- पटना, रायपुर, सोनीपत, जम्मू, वडोदरा, गुवाहाटी, बुंडू ( झारखंड), ग्वालियर, बठिंडा, जयपुर ग्रेटर, आगरा, लालकुआं सहित कुल 34 शहर।

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