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हरियाणा चुनाव,NBT Ground Report: जुलाना के चुनावी दंगल में भी खिलाड़ियों से घिरीं विनेश फोगाट, सिर्फ अखाड़ा बदला, आसान नहीं जीत की राह – haryana assembly election 2024 julana gorund report its not easy win for vinesh phogat

Byadmin

Sep 30, 2024


जींद: रोहतक के रास्ते होते हुए जींद के जुलाना में घुसते ही झलक मिल जाती है कि कैसे हरियाणा में हो रहे इस बार के विधानसभा चुनावों का सारा चुनाव प्रचार अपने चरम पर क्यों है। यहां चुनाव का हर रंग है। सड़कों पर नारों का शोर मचाती गाड़ियां, एक ही लाइन में सजे पार्टियों के चुनाव दफ्तर, वहां मौजूद समर्थकों की भीड़ और उम्मीदवारों के फोटो शूट वाले कट आउट्स, लेकिन इन सब के बीच होने वाली चुनावी चर्चाओं के तार रेसलर विनेश फोगाट से जुड़े हैं। अब तक पहलवानी के अखाड़े में जूझने वाली विनेश इस चुनावी दंगल में भी कई खिलाड़ियों से घिरी हैं। विनेश को जीताना पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल जरूर है, लेकिन विनेश के लिए इस चुनाव की राह इतनी आसान नहीं।

इस सीट पर उनके खिलाफ आईएलडी-बीएसपी के सुरेंद्र लाठर, बीजेपी के कैप्टन अभिमन्यु वैरागी, जेजेपी-आसपा पार्टी से मौजूदा विधायक अमरजीत ढांडा और आम आदमी पार्टी की कविता दलाल हैं, जो कि डब्ल्यूडब्ल्यू ई में खेलने वाली प्रोफेशनल पहलवान भी हैं। ऐसे में जुलाना का ये चुनावी मुकाबला एक ऐसे चुनावी अखाड़े में तब्दील हो गया है जिसे लोग टकटकी लगाए देख रहे हैं। जींद के बाजार में लोग खाट बिछाकर और हुक्कों के दौर के बीच अपने दावे करते दिख जाएंगे।

सुरेंद्र लाठर ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाया
हालांकि इस दंगल को ध्यान से देख रहे इन वोटर नुमा दर्शकों के पास ही जीत की चाबी भी है। ऐसे ही एक चौपाल मेन बाजार में भी लगी है, 20 साल के वीरेंद्र कहते हैं विनेश मीडिया की वजह से ज्यादा पॉपुलर है, इतनी ज्यादा हवा उन के पक्ष में नहीं। उन्हीं के पास बैठे बुजुर्ग कहते हैं कि आईएनएलडी वाले जाट उम्मीदवार सुरेंद्र लाठर ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

70 फीसदी वोटर्स जाट

वहां से आगे जाने पर अपनी परचून की दुकान पर बैठे 60 साल के सतीश कुमार कहते हैं कि मुख्य मुकाबला तो कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही है। सब जानते हैं कि आईएनएलडी-बीजेपी की बी टीम है। अब से कुछ दिन पहले यहां माहौल अलग था, लेकिन अब नजदीकी फाइट है। दरअसल इस इलाके में 70 फीसदी वोटर्स जाट हैं, ऐसे में विनेश का जाट वोट कई जाट उम्मीदवारों की वजह से बंटने की अटकलें लग रही हैं।

चुनाव में महिलाओं को लेकर हो रही है बात

विनेश की शादी यहां के बख्ताखेडा गांव में हुई है। विनेश के यहां से खड़े होने के बाद महिलाओं के मुद्दे पर एक जागरूकता तो दिखती है। आमतौर पर हरियाणा के समाज में राजनीति में दिलचस्पी ना लेने वाली महिलाएं भी इस चुनाव को लेकर खुलेआम बात करती दिखती हैं। ऐसी ही एक गली में सिलाई कढ़ाई के काम में लगी 42 साल की परमजीत कहती हैं कि वो ज्यादातर घर में ही रहती हैं, लेकिन जरूर पता है कि दिल्ली में इसके साथ क्या क्या हुआ। इस बात को लेकर गुस्सा तो है दिलों में।

विनेश का नाम सुनते ही महिलाओं के चेहरे में आ जाती है मुस्कान

आज आप अपने बच्चे को भी हाथ नहीं लगा सकते, फिर इन पहलवान ल़डकियों ने ने तो क्या क्या झेला है। 18 साल की वर्षा हो या फिर 20 की मेघा। कम उम्र में शादी कर घर में ही रहने वाली इन लड़कियों के मुंह पर विनेश की बात करते हुए चमक आ जाती है। रूमाल पर तुरपाई करते करते वर्षा कहती है- मैंने तो अपने ससुराल में भी सबको कहा कि विनेश को ही वोट देना है, तो मेघा कहती है कि विनेश अगर राजनीति में आई तो लड़कियों की सेफ्टी के लिए तो काम करेगी ही। 43 साल की बंटी भी कहती है कि ये हमारी महिलाओं के मान सम्मान का मुद्दा है।

कांग्रेस के लिए भी आसान नहीं लड़ाई
ये सही है कि कांग्रेस विनेश के बेटी के सम्मान की लड़ाई के साथ जाट बहुल इस सीट में दम लगा रही है, लेकिन रोहतक, झज्जर बेल्ट के इतर परंपरागत तौर पर इस इलाके में आईएनएलडी और जेजेपी जैसी पार्टियों का असर ज्यादा रहा है। ऐसे में कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर की जमीन प जीत की कोशिशों में लगी है। जुलाना से निकलते वक्त कुछ लोग खाट पर किसी बात को लेकर चर्चा कर रहे थे। पास जाने पर पचा चला कि चर्चा विनेश को लेकर ही हो रही थी। वहां बैठे सीताराम शर्मा ने कहा कि आईएनएलडी के उम्मीदवार को पड़ने वाले सारे वोट विनेश को पड़ने थे, लेकिन जाट वोटों को लेकर बहुत कड़ा मुकाबला है।

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