• Sat. Sep 21st, 2024

24×7 Live News

Apdin News

13 नागरिकों की हत्या के आरोपित 30 सैन्यकर्मियों को राहत, SC ने बंद की आपराधिक कार्यवाही

Byadmin

Sep 18, 2024


नगालैंड के मोन जिले में उग्रवादियों के विरुद्ध एक असफल अभियान में 2021 में 13 नागरिकों की हत्या के आरोपित 30 सैन्यकर्मियों के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही बंद कर दी है। इस प्रविधान के तहत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करने वाले किसी व्यक्ति के विरुद्ध केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना कानूनी कार्यवाही या अभियोग शुरू नहीं किया जा सकता।

पीटीआई, नई दिल्ली: नगालैंड के मोन जिले में उग्रवादियों के विरुद्ध एक असफल अभियान में 2021 में 13 नागरिकों की हत्या के आरोपित 30 सैन्यकर्मियों के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही बंद कर दी है।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने कहा कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा), 1958 की धारा-6 के तहत केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष 28 फरवरी को इन सैन्यकर्मियों के विरुद्ध अभियोजन की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था।

पत्नियों की दो अलग-अलग याचिकाओं पर कार्यवाही बंद

इस प्रविधान के तहत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करने वाले किसी व्यक्ति के विरुद्ध केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना कानूनी कार्यवाही या अभियोग शुरू नहीं किया जा सकता। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर अफस्पा की धारा-6 के तहत किसी भी चरण में अनुमति प्रदान की जाती है तो दर्ज एफआइआर के अनुसार कार्यवाही जारी रह सकती है और उसके तार्किक अंजाम तक पहुंचाई जा सकती है।

शीर्ष अदालत ने सैन्यकर्मियों की पत्नियों की दो अलग-अलग याचिकाओं पर कार्यवाही को बंद किया जिनमें नगालैंड पुलिस द्वारा दर्ज मामले को बंद करने की मांग की गई थी।

मामले में जारी किया गया नोटिस 

इनमें से एक याचिका मेजर रैंक के अधिकारी की पत्नी की थी। अदालत ने नगालैंड सरकार के उस अनुरोध को स्वीकार करने से भी इन्कार कर दिया कि सेना को प्रशासनिक तौर पर आरोपित सैन्यकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया जाए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह पूरी तरह सेना का विवेकाधिकार है कि वह अपने अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करे अथवा नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि नगालैंड सरकार ने सैन्य अधिकारियों के विरुद्ध अभियोजन की अनुमति देने के केंद्र के इन्कार को चुनौती देते हुए अलग याचिका दाखिल की है और इस मामले में नोटिस जारी किया गया है।

सैन्यकर्मियों के विरुद्ध अभियोजन का अधिकार नहीं

इससे पहले शीर्ष अदालत ने 19 जुलाई, 2022 के अंतरिम आदेश में सैन्यकर्मियों के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा दर्ज एफआइआर को लेकर आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। सैन्यकर्मियों की पत्नियों ने इस आधार पर आपराधिक कार्यवाही बंद करने की मांग की थी कि अफस्पा के तहत प्राप्त छूट के कारण राज्य सरकार के पास सैन्यकर्मियों के विरुद्ध अभियोजन का अधिकार नहीं है।

By admin