पीटीआई, नई दिल्ली। चार वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम की मांग वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से जवाब मांगा है।
याचिका में शीर्ष अदालत से केंद्र को एलएलबी और एलएलएम पाठ्यक्रमों के पाठ्यक्रम, सिलेबस और अवधि की समीक्षा के लिए कानूनी शिक्षा आयोग स्थापित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
9 सितंबर तक मांगा जवाब
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जायमाल्या बागची की पीठ ने नौ सितंबर तक केंद्र, यूजीसी, बीसीआई और विधि आयोग से याचिका पर जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने रजिस्ट्ररी को इस मुद्दे पर सभी लंबित मामलों को एक साथ नौ सितंबर को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
याचिका में क्या कहा गया?
याचिका में कहा गया है, नई शिक्षा नीति 2020 सभी व्यावसायिक और शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देती है, लेकिन बीसीआइ ने मौजूदा पाठ्यक्रम, सिलेबस और एलएलबी और एलएलएम पाठ्यक्रमों की अवधि की समीक्षा के लिए उचित कदम नहीं उठाए हैं। बीए-एलएलबी और बीबीए-एलएलबी पाठ्यक्रमों की पांच वर्षीय अवधि अधिक है। लंबी अवधि के कारण मध्यम और निम्न वर्गीय परिवारों पर वित्तीय बोझ पड़ता है।