एएआइबी ने शुक्रवार देर रात हादसे की 15 पृष्ठों की प्रारंभिरक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी। रिपोर्ट के अनुसार बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में ईंधन आपूर्ति बंद होने से तुरंत थ्रस्ट कम होने लगा और विमान नीचे की ओर गिरने लगा।रिपोर्ट में बताया गया है कि विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को दूसरे से यह पूछते हुए सुना जा सकता है कि उसने ईंधन क्यों बंद किया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अहमदाबाद में एअर इंडिया-171 विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। उड़ान भरने के तीन सेकेंड बाद विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच एक बाद एक रन से कटआफ की स्थिति में चले गए, जिससे दोनों इंजनों को ईंधन मिलना बंद हो गया और वे बंद हो गए। वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक, विमान से पक्षी के टकराने के कोई सबूत नहीं मिले हैं।
देर रात जारी की गई रिपोर्ट
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआइबी) ने शुक्रवार देर रात हादसे की 15 पृष्ठों की प्रारंभिरक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी। रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में ईंधन आपूर्ति बंद होने से तुरंत थ्रस्ट कम होने लगा और विमान नीचे की ओर गिरने लगा। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि स्विच कटऑफ की स्थिति कैसे बनी।
पायलटों का संवाद आया सामने
रिपोर्ट में बताया गया है कि विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को दूसरे से यह पूछते हुए सुना जा सकता है कि उसने ईंधन क्यों बंद किया।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया।’ इसमें यह नहीं बताया गया है कि विमान के कैप्टन ने कौन सी टिप्पणी की और प्रथम अधिकारी ने कौन सी, और न ही यह कि किस पायलट ने दुर्घटना से ठीक पहले “मेडे, मेडे, मेडे” संदेश प्रसारित किया था।

अमेरिकी विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ ने कही ये बात
अमेरिकी विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ जान काक्स ने कहा कि कोई पायलट गलती से इंजनों को ईंधन देने वाले ईंधन स्विच को नहीं हिला पाएगा। उन्होंने कहा, “आप उन्हें टकराकर हिला नहीं सकते।”
पीटीआई के अनुसार, मुंबई में नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रालय जांच में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर रहा है। नायडू ने कहा, “एएआइबी इस पर काम कर रहा है। यह एएआइबी की जिम्मेदारी है, उन्हें अपना काम करने दें।”
बता दें कि 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का विमान उड़ान भरने के 35 सेकंड के भीतर ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई, जबकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया था।
विमान हादसे की रिपोर्ट के कुछ मुख्य अंश
- उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजन हवा में ही बंद हो गए – ईंधन से जुड़ा CUTOFF स्विच ऑन हो गया और सिर्फ एक सेकंड में RUN से CUTOFF पर स्विच हो गए। रिपोर्ट से पता चला कि इंजनों को ईंधन की आपूर्ति बंद कर दी गई थी।
- कॉकपिट ऑडियो से पुष्टि होती है कि एक पायलट ने पूछा, “आपने क्यों बंद कर दिया?” दूसरे ने जवाब दिया, “मैंने नहीं किया”।
- जब इंजनों की शक्ति कम हुई, तो आपातकालीन हाइड्रोलिक शक्ति प्रदान करने के लिए रैम एअर टर्बाइन – एक छोटा प्रोपेलर जैसा उपकरण – स्वचालित रूप से चालू हो गया। AAIB द्वारा प्राप्त सीसीटीवी फुटेज में RAT को चालू होते हुए दिखाया गया है। (विमान हादसे के बाद जांच में)
- पायलटों ने इंजन को फिर से चालू करने की कोशिश की। N1 या इंजन 1 आंशिक रूप से ठीक हो गया, लेकिन इंजन 2 टक्कर से पहले ठीक नहीं हो पाया। विमान केवल 32 सेकंड के लिए हवा में था- रनवे से 0.9 नॉटिकल मील दूर एक हॉस्टल में जा गिरा।
- थ्रस्ट लीवर निष्क्रिय अवस्था में पाए गए, लेकिन ब्लैक बॉक्स दिखाता है कि टेकऑफ थ्रस्ट अभी भी लगा हुआ था, जो डिस्कनेक्ट/विफलता का संकेत देता है। ईंधन परीक्षण में साफ पाया गया, और ईंधन भरने वाले स्रोतों से कोई संदूषण नहीं था। संदूषण मतलब इसमें हवा, पानी, या मिट्टी में हानिकारक पदार्थों का मिलना शामिल है, जो पारिस्थितिक तंत्रों के लिए हानिकारक हो सकता है।
- फ्लैप सेटिंग (5 डिग्री) और गियर (डाउन) टेकऑफ के लिए सामान्य थे। कोई पक्षी गतिविधि या मौसम संबंधी समस्या नहीं थी- साफ आसमान, अच्छी दृश्यता, हल्की हवाएं चल रही थीं।
- एएआईबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि पायलटों के साफ छवि वाले थे पिछली कोई खराब हिस्ट्री नहीं थी और दोनों चिकित्सकीय रूप से स्वस्थ थे, और उन्हें इस प्रकार के विमानों का पर्याप्त अनुभव था।
- तत्काल तोड़फोड़ का कोई सबूत नहीं मिला, लेकिन ईंधन स्विच में संभावित खराबी के बारे में एफएए की एक ज्ञात सलाह मौजूद थी। एअर इंडिया द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया था। विमान भार और संतुलन सीमा के भीतर था वहीं, विमान में कोई खतरनाक सामान नहीं था।
‘फ्यूल कंट्रोल स्विच’ क्या हैं?
ड्रीमलाइनर 787 में इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच (रन और कटआफ) इंजन को चालू या बंद करने के लिए जमीन पर इस्तेमाल किए जाते हैं। ये स्विच जेट के थ्राटल लीवर के नीचे और फ्यूल कंट्रोल माड्यूल के अंदर स्थित होते हैं। स्विच के चारों ओर ब्रैकेट लगे होते हैं ताकि गलती से वे हिल न जाएं। प्रत्येक स्विच में एक धातु का स्टाप लाक भी होता है जिसे चालक दल को अपनी स्थिति बदलने से पहले उठाना पड़ता है।
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ये स्विच कैसे काम करते हैं?
उड़ान के दौरान फ्यूल कंट्रोल स्विच को ‘रन’ से ‘कटआफ’ पर ले जाने से सहयोगी इंजन में ईंधन की आपूर्ति रुक जाएगी। ‘एयर करंट’ के अनुसार, इससे इंजन तुरंत बंद हो सकता है और थ्रस्ट कम हो सकता है।
इससे प्रत्येक इंजन पर लगे दो विद्युत जनरेटर भी विमान के कई सिस्टम और उसके कुछ काकपिट डिस्प्ले को बिजली प्रदान नहीं कर पाएंगे। यदि किसी इंजन में आग लग जाती है तो प्रभावित इंजन का फ्यूल कंट्रोल स्विच चालक दल को अलर्ट करने के लिए लाल हो जाएगा।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स, पीटीआई और एएनआई के इनपुट के साथ।
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