राजीनामा के बाद भी मांगे 50,000 रुपए
पिछले दिनों तूंगाथाने में जमीन विवाद को लेकर एक केस दर्ज हुआ था। इस केस में परिवादी और आरोपी के बीच आपस में समझौता हो गया। दोनों पक्षों में समझौता होने के बाद भी केस में एफआर लगाने के लिए एसएचओ का रीडर परिवादी से 50,000 रुपए मांग रहा था। बार बार रुपए मांगकर परेशान कर रहा था। परिवादी ने कहा कि उसका राजीनामा हो गया है तो केस स्वत ही बंद हो जाएगा। इसके बावजूद भी एसएचओ का रीडर रुपए देने का दबाव बनाता रहा। इससे परेशान होकर परिवादी ने एसीबी में शिकायत दर्ज करा दी।
एसीबी का ट्रैप हुआ फेल, केस दर्ज
परिवादी की ओर से शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया। रिश्वत मांगे जाने का सत्यापन भी हो गया लेकिन एसीबी की ओर से ट्रैप की कार्रवाई करने से पहले तूंगा एसएचओ और रीडर को इसकी भनक लग गई। इस पर दोनों ने परिवादी से संपर्क नहीं किया। परिवादी द्वारा कॉल करने पर रिसीव नहीं किए गए और थाने जाने पर मिलते ही नहीं थे। ट्रैप करने में असफल रहने पर भी एसीबी ने रिश्वत मांगे जाने के सबूतों के आधार पर एसएचओ महेश कुमार और उनके रीडर अशोक कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।