गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत के भू-राजनीतिक पड़ोस को देखते हुए देश की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियां बनी रहेंगी आठवें राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन (एनएसएससी) में समापन भाषण देते हुए शाह ने यह भी कहा कि मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर न केवल आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति की पुष्टि की है, बल्कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिये इसे दुनिया के सामने पेश भी किया है। शाह ने राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से ‘सुरक्षा, सजगता और समन्वय’ के आदर्श वाक्य को अपनाने का आह्वान किया। इससे पहले उन्होंने करगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों और बीएसएफ के प्रयासों को सलाम किया।
शाह ने कहा, भारत सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, और इसके साथ ही देश के सामने चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। हमें और अधिक सतर्क रहना होगा और समस्याओं का समाधान अधिक जागरूकता के साथ करना होगा। उन्होंने एनएसएससी को वरिष्ठ अधिकारियों को युवा अधिकारियों का मार्गदर्शन करने, उन्हें चुनौतियों से परिचित कराने और समाधान खोजने का मार्ग दिखाने में सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण बताया। गृह मंत्री ने कहा कि सभी राज्यों के बलों और केंद्रीय जांच एजेंसियों को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दृढ़ संकल्प और साथी नागरिकों के समर्थन से दुनिया भर में आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का एक मजबूत संदेश गया है।
भारत उभरती प्रौद्योगिकी व स्टार्टअप में अग्रणी
गृह मंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर पहुंच गई है और भारत अब नई और उभरती प्रौद्योगिकियों, स्टार्टअप, हरित ऊर्जा और नवाचारों में विश्व में अग्रणी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत का बढ़ता कद आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों को जन्म देगा। शाह ने रणनीति विकसित करने, उन्हें लागू करने और निगरानी करने के लिए केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की समरूप टीमों के गठन का आह्वान किया। उन्होंने राष्ट्रीय चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने तथा उनका समाधान निकालने के लिए प्रत्येक राज्य में युवा पुलिस अधिकारियों को शामिल करने का भी निर्देश दिया।
अगले 10 वर्ष सुरक्षा विकास और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण
शाह ने युवा अधिकारियों को सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल करके उनमें नेटग्रिड, निदान, आईएमओटी और सीबीआई के भगोड़े डाटाबेस जैसे राष्ट्रीय डाटाबेस के उपयोग को बढ़ावा देने का आग्रह किया। गृह मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगले 5-10 वर्ष देश के विकास और सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे। वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई), पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर क्षेत्रों में उपलब्धियों की सराहना करते हुए उन्होंने डीजीएसपी से तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन और मादक पदार्थों की चुनौती से निपटने के लिए समान दृष्टिकोण अपनाने को कहा।
पुलिस ‘नशा मुक्त भारत’ को अगले तीन वर्षों के लिए प्रमुख एजेंडा बनाएं
उन्होंने बड़े ड्रग कार्टेलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने में ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर तक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता की भी वकालत की, साथ ही नार्को अपराधियों के प्रत्यर्पण पर भी ध्यान केंद्रित करने की बात कही। शाह ने पुलिस महानिदेशकों को निर्देश दिया गया कि वे ‘नशा मुक्त भारत’ की दिशा में अगले तीन वर्षों के लिए इसे पुलिस का प्रमुख एजेंडा बनाएं। उन्होंने इस बात का उल्लेख करते हुए कि पुलिस स्टेशन खुफिया जानकारी एकत्र करने का केन्द्र बिन्दु है, पुलिस नेतृत्व से पुलिस स्टेशन स्तर तक वास्तविक समय की जानकारी साझा करने के लिए एक विश्वसनीय मंच विकसित करने का आह्वान किया।
आतंकवाद, घुसपैठ और तस्करी का मुकाबला सख्ती से करें
वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए शाह ने पुलिस महानिदेशकों से राज्य प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर जमीनी स्तर पर 300 से अधिक केंद्रीय और राज्य विकास योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आग्रह किया। देश की समुद्री सीमाओं पर छोटे बंदरगाहों को सुरक्षित करने के महत्व को रेखांकित करते हुए शाह ने घुसपैठ और तस्करी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए राज्य पुलिस की क्षमता निर्माण पर जोर दिया। उन्होंने आतंकवाद विरोधी पहल की भी समीक्षा की तथा बार-बार अपराध करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।