अनिल अंबानी की कंपनियों में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है। उनकी दो कंपनियों रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर ने पैसे जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी है। हाल में इन दोनों कंपनियों के शेयरों में काफी तेजी आई है और उन्होंने अपना कर्ज तेजी से कम किया है।

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड की बुधवार को हुई मीटिंग में 6,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को मंजूरी दी गई। कंपनी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स को इक्विटी शेयर या इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट जारी करके पैसे जुटाएगी। कंपनी का बोर्ड एक और काम करेगा। वह सिक्योर्ड/अनसिक्योर्ड, रिडीमेबल, नॉन-कनवर्टीबल डिबेंचर जारी करेगा। ये डिबेंचर 3,000 करोड़ रुपये तक के होंगे। इन्हें प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए बेचा जाएगा। यानी कुछ खास लोगों को ही डिबेंचर बेचे जाएंगे।
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रिलायंस पावर
कंपनी ने मार्च 2025 को खत्म तिमाही में 4,387 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी को 221 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। 2024-25 के लिए कंपनी का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट 4,938 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल कंपनी को 1,609 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। रिलायंस इन्फ्रा के शेयर ने पिछले एक साल में कमाल कर दिया है। इस दौरान इसकी कीमत में 106% तक बढ़ोतरी हुई है। इस साल अब तक इसमें 25% तेजी आ चुकी है। बुधवार को कंपनी का शेयर 3.37% तेजी के साथ 400.35 रुपये पर बंद हुआ।
इस बीच अनिल अंबानी की एक और कंपनी रिलायंस पावर के बोर्ड ने भी पैसे जुटाने की योजना को मंजूरी दीहै। रिलायंस पावर भी QIP या एफपीओ के जरिए 6,000 करोड़ रुपये जुटाएगी। एफपीओ का मतलब है, पहले से शेयर रखने वालों को और शेयर खरीदने का मौका देना। रिलायंस पावर भी 3,000 करोड़ रुपये तक के डिबेंचर जारी करेगी। कंपनी के शेयर अभी 50 दिन और 200 दिन के SMAs से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं। कंपनी का शेयर बुधवार को 2.39% तेजी के साथ 66.06 रुपये पर बंद हुआ।