केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अब पश्चिम बंगाल के संदेशखली में 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच अपने हाथ में ले ली है। इस हिंसा में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं- प्रदीप मंडल, देवदास मंडल और सुकांत मंडल की हत्या कर दी गई थी। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि मामले में मुख्य आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ 30 जून को कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश सेनगुप्ता ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस जांच की निगरानी सीबीआई के एक संयुक्त निदेशक द्वारा की जानी चाहिए।
पीड़ित परिवारों ने सीबीआई जांच की मांग की थी
जानकारी के अनुसार, प्रदीप मंडल, देवदास मंडल और सुकांत मंडल संदेशखाली में अपने गांव में उस समय मारे गए जब कथित तौर पर टीएमसी नेता शेख के नेतृत्व में भीड़ ने उन पर हमला किया था। इस मामले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआईडी ने की थी। हालांकि, पीड़ितों के परिवारों ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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शेख को 2024 में किया गया था गिरफ्तार
शाहजहां शेख को पहले ही 5 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया जा चुका है। उस पर आरोप है कि उसने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पर तब हमला करवाया, जब टीम उसके घर पर छापा मारने पहुंची थी। तब से वह न्यायिक हिरासत में है।
पुलिस के हाथ में जांच सौंपना न्याय के हित में नहीं: न्यायमूर्ति
न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने सीबीआई को जांच सौंपते हुए कहा, ‘मौजूदा मामले में भी, जिसमें और भी गंभीर आरोप हैं, मुझे लगता है कि पुलिस विभिन्न चरणों में मुख्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही, जिससे न्याय की घोर विफलता हुई। इसलिए, जांच की बागडोर फिर से उन्हें सौंपना न्याय के हित में नहीं होगा।’
पुलिस-सीआईडी ने आरोपियों के खिलाफ नहीं दिखाई सख्ती
न्यायमूर्ति ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जब भी आरोपी शेख के खिलाफ आरोप लगाए जाते हैं, तो राज्य पुलिस ढीला रवैया अपनाती है, चाहे वह ईडी अधिकारियों के खिलाफ भीड़ द्वारा की गई हिंसा का मामला हो या फिर मौजूदा मामला। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे राज्य की स्थानीय पुलिस हो या CID, दोनों ही मामलों में उन्होंने समान व्यवहार किया और आरोपियों के खिलाफ सख्ती नहीं दिखाई।
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महिलाओं ने शेख और उसके लोगों पर लगाए गंभीर आरोप
कोलकाता से करीब 80 किलोमीटर दूर 24 उत्तरी परगना के संदेशखाली में कई महिलाओं ने शेख और उसके लोगों पर जमीन कब्जाने और यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं, जो मछली पालन और व्यापार में शामिल हैं। जनवरी 2024 में, राशन वितरण घोटाले की जांच के लिए जब ईडी की टीम शेख के घर छापा मारने पहुंची थी, तब अधिकारियों पर कथित तौर पर हमला किया गया था और उनके वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। सीबीआई पहले से ही उस हमले से जुड़े तीन मामलों की जांच कर रही है।
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