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Delhi News: तिहाड़ जेल के अस्पताल में कैदी ने की आत्महत्या, खिड़की से फंदा लगाकर लगाई फांसी – tihar jail prisoner committed suicide in hospital by hanging himself from a window

Byadmin

Jul 15, 2025


दिल्ली की तिहाड़ जेल के अस्पताल में हत्या के आरोप में विचाराधीन कैदी रमेश कर्मकार ने खिड़की से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रमेश 28 मई से अस्पताल में इलाज करा रहा था। इस घटना ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।

Tihar Jail
तिहाड़ जेल में कैदी ने की आत्महत्या

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल के अस्पताल में एक अंडर ट्रायल कैदी ने आत्महत्या कर ली है। रमेश कर्मकार नाम का कैदी हत्या का आरोपी था। उसने अस्पताल की खिड़की से फांसी लगाकर जान दे दी। यह घटना रविवार देर रात हुई। रमेश 28 मई से जेल के अस्पताल में इलाज करा रहा था। इस घटना से जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

जेल नंबर 3 के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था
वहीं, सोमवार की सुबह जब जेल अधिकारियों को इस बारे में पता चला तो आनन-फानन में इसकी जांच शुरू कर दी गई है। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि रमेश ने आत्महत्या क्यों की। जेल प्रशासन के मुताबिक, कैदी रमेश कर्मकार जेल नंबर 4 में बंद था। उसे इलाज के लिए जेल नंबर 3 के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रमेश कर्मकार ने खिड़की से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

अब प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहा सवाल
इस घटना के बाद जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठ रहे हैं। पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है। वे यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या आत्महत्या के पीछे कोई और कारण था।

तिहाड़ जेल में क्षमता से अधिक रहते हैं कैदी
दिल्ली की तिहाड़ जेल में 5 हजार कैदियों की क्षमता है, लेकिन यहां 13 हजार से अधिक कैदी को रखा जाता है। तिहाड़ जेल में जीवन बहुत ही ज्यादा कठिन है। यहां रहने की जगह कम है, सुरक्षा की चिंता हमेशा बनी रहती है और जीवन की स्थितियां अच्छी नहीं हैं। इससे पहले भी कई बार तिहाड़ जेल में संदिग्ध परिस्थिति में कैदियों की मौत हुई है। इस जेल में कई हाईप्रोफाइल कैदी भी रहते हैं।

कई हाई प्रोफाइल कैदी जेल में बंद
तहव्वुर राणा, छोटा राजन और नीरज बवाना जैसे गैंगस्टर और आरोपी तिहाड़ जेल परिसर में बंद हैं। जेल के अंदर से अवैध तरीके से बातचीत को रोकने के लिए मोबाइल सिग्नल जैमर्स को अपग्रेड किया जा रहा है। ताकि कोई भी बदमाश जेल में बैठकर बाहर क्राइम न करवा सके।

संजीव कुमार

लेखक के बारे मेंसंजीव कुमारसंजीव कुमार,बिहार के बेगूसराय के रहने वाले हैं। वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। डिजिटल मीडिया में 5 साल से अधिक का अनुभव है। वो लोकल से लेकर नेशनल और करंट अफेयर्स को कवर करते हैं। नवभारत टाइम्स ज्वॉइन करने से पहले जागरण न्यू मीडिया,वन इंडिया और अमर उजाला जैसे संस्थानों में काम कर चुके हैं।और पढ़ें