Mumbai BMC Election 2025: महाराष्ट्र में आगामी निकाय चुनावों के चलते मुंबई में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एक ओर जहां ठाकरे बंधुओं के बीच गठबंधन की चर्चा है। वहीं दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने आनंदराज आंबेडकर की रिपब्लिकन सेना के साथ गठबंधन कर लिया है।

साथ काम करने का ऐलान
दरअसल सड़कों पर अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले दो संगठन आज एक साथ आ रहे हैं। एक है बालासाहेब की शिवसेना और दूसरी है भारत रत्न बाबासाहेब आंबेडकर की रिपब्लिकन सेना। उपमुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख नेता एकनाथ शिंदे ने विश्वास जताया कि चूंकि दोनों ताकतें हैं, इसलिए हम साथ मिलकर काम करेंगे। उनके बगल में बैठे आनंदराज आंबेडकर ने दृढ़ता से कहा कि यह काम करेगा।
आनंदराज के लिए क्या बोले शिंदे?
शिंदे ने कहा कि आनंदराज आंबेडकर और मैंने हमेशा कार्यकर्ता के रूप में काम किया है। जब मैं ढाई साल तक मुख्यमंत्री था। तब भी मैं एक आम आदमी था। एकनाथ शिंदे ने कहा कि अब मैं आम आदमी को समर्पित एक डीसीएम बन गया हूं। हमारी पहचान एक आम आदमी, एक आम कार्यकर्ता के रूप में है। हमारी प्रतिबद्धता आम आदमी के प्रति है। हमारा जुड़ाव आम आदमी से है।
बाबासाहेब के पोते संग गठबंधन
शिंदे ने कहा कि डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की ओर से लिखित संविधान ने आम आदमी, वंचितों, शोषितों के लिए प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है। मेरे जैसा एक आम आदमी मुख्यमंत्री बन सका। यह बाबासाहेब की ओर से लिखे गए संविधान के कारण ही संभव हुआ। नरेंद्र मोदी जैसा व्यक्ति प्रधानमंत्री बना। यह शक्ति संविधान की है। बाबासाहेब ने दुनिया के कई संविधानों का अध्ययन करने के बाद अपना संविधान लिखा था। शिंदे ने आनंदराज आंबेडकर के साथ गठबंधन करने पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की। जो कि बाबासाहेब के पोते हैं।
शिवशक्ति-भीमशक्ति गठबंधन
शिवसेना और रिपब्लिकन सेना आगामी नगरपालिका और जिला परिषद चुनाव मिलकर लड़ेंगे। शिंदे ने शिवशक्ति-भीमशक्ति गठबंधन बनाकर इसका हिसाब-किताब लगा लिया है। रिपब्लिकन सेना के साथ गठबंधन करके शिंदे मराठी वोटों को दलित वोटों के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। स्थानीय निकाय चुनाव नवंबर-दिसंबर में हो सकते हैं। सभी पार्टियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
रिपब्लिकन सेना का विदर्भ में खासा प्रभाव
आनंदराज आंबेडकर ने दशकों पहले चुनावी समर में अपनी किस्मत आजमाई थी। उन्होंने अमरावती लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए थे। रिपब्लिकन सेना का प्रभाव मुख्यतः महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में है।