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Haryana Ki Damdaar Dadi,हरियाणा की इस दादी में युवाओं जैसा जोश, 77 साल की उम्र में करती हैं पोते के साथ कसरत और तैराकी, जानें डाइट – haryana 77 year old grandma wins hearts with swimming skills exercises with grandson

Byadmin

Jul 26, 2025


हरियाणा के सोनीपत जिले में 77 वर्षीय दादी सबों ने अपनी सेहतमंद जीवनशैली से सबको चौंका दिया है। वे आज भी अपने पोते के साथ नदी में तैरती हैं और देसी व्यायाम करती हैं। 10 साल की उम्र से तैराकी कर रहीं दादी सबों ने गंगा नदी भी पार की है और तीन लोगों की जान बचाई है।

हाइलाइट्स

  • सोनीपत की रहने वाली है 77 साल की दादी
  • अपने पोते के साथ करती है जमकर कसरत
  • नहरों ने भी जमकर लगाती है डुबकी
haryana dadi
पोते के साथ दादी
नितिन अंतिल, सोनीपत: हसोनीपत (हरियाणा): उम्र सिर्फ एक संख्या है… इस कहावत को हरियाणा के सोनीपत जिले की 77 वर्षीय दादी सबों पर बिल्कुल सटीक बैठती है। इन दिनों यह दादी सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। इस दादी का जज़्बा, जोश और सेहतमंद जीवनशैली हर किसी को हैरान कर रही है। दादी इस उम्र में भी अपने पोते के साथ नदी में कूदकर तैराकी करती हैं और देसी तरीके से व्यायाम भी करती हैं। गांव वाले दादी के हौसले और फिटनेस को देख दंग रह जाते हैं और उन्हें सलाम करते हैं। दादी का फिटनेस लेवल ऐसा है कि युवाओं के भी पसीने छूट जाए
10 साल की उम्र से शुरू की तैराकी

दादी सबों ने बताया कि उन्होंने महज 10 साल की उम्र से गांव में तैराकी शुरू कर दी थी। तब से लेकर अब तक उन्होंने कभी अभ्यास नहीं छोड़ा। उन्होंने यहां तक कहा कि वह गंगा नदी भी पार कर चुकी हैं और तीन लोगों की जान भी बचा चुकी हैं। आज 77 की उम्र में भी वह उसी ऊर्जा और लगन से तैराकी करती हैं। दादी का कहना है कि उन्होंने कभी फास्ट फूड खाया ही नहीं और न ही उन्हें उसके स्वाद की कोई जानकारी है। देसी घी, ताजा अनाज, सादा खाना और नियमित व्यायाम ही उनकी ताकत और सेहत का राज है। उनका मानना है कि बीमारियों की असली जड़ आज की बिगड़ी जीवनशैली और जंक फूड है, जिससे आज की युवा पीढ़ी को दूर रहने की जरूरत है।


पोते के साथ करती हैं अभ्यास
दादी के पोते चिराग ने हाल ही में एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला था, जिसमें दादी नदी में तैराकी करती नजर आ रही थीं। यह वीडियो वायरल हो गया और लोगों ने दादी के जज्बे को खूब सराहा। दादी के बेटे संदीप ने बताया कि वह आज भी अपनी मां को घर में उगाए गेहूं से बना भोजन ही देते हैं। उन्होंने बताया कि दादी और पोते का खाना भी अलग बनता है ताकि पोता पहलवानी में आगे बढ़ सके और दादी उसकी तैयारी में साथ दे सकें।

राहुल महाजन

लेखक के बारे मेंराहुल महाजनहिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म की पढ़ाई करने के बाद डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 9 वर्षों से ज्यादा समय से सक्रिय। ईटीवी और नेटवर्क 18 से होते हुए टाइम्स इंटरनेट तक का सफर। राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों में गहरी रुचि।और पढ़ें